बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिलें के रहने वाले अंकुर गुप्ता एवं दीपिका गुप्ता को जब पता चला कि उनके होने वाले जुड़वा बच्चे (Conjoined Twins) आपस में जुड़े हुए हैं तो वो बहुत डर गए, मगर दिल्ली एम्स के डॉक्टर्स पर विश्वास रखते हुए वो अपनी जुड़वा बेटियों के उपचार के लिए दिल्ली आ गए। जन्म से जुड़ी हुईं बच्चियों को नई जिंदगी दी है। रिद्धी-सिद्धी नाम की इन दोनों बहनों की जान अब खतरे से बाहर है।
दरअसल, दिल्ली एम्स के चिकित्सकों ने जन्म से जुड़ी हुई दो जड़वा बच्चियों को अलग-अलग किया है। दोनों बहनें छाती एवं पेट के ऊपरी हिस्से के आपस में जुड़ी हुई थीं। यूं कहें कि एक जिस्म दो जान थीं। जुड़वा बहनों के बीच प्रमुख अंग साझा थे, जिनमें निचले छाती हृदय को ढकने वाली परतें, डायफार्म और पेट सम्मिलित था। इस सर्जरी में लिवर एवं हृदय के हिस्सों को अलग करना चिकित्सकों के लिए सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण था। बताया गया कि बच्चियां जब मां के गर्भ में थीं तो पांचवे महीने में ही यह पता चल गया था कि दोनों बच्चियां आपस में जुड़ी हुई हैं। दिल्ली एम्स में ही दोनों बच्चियों का जन्म हुआ, जब दोनों 11 महीने की हो गई तब इन्हें अलग-अलग करने के लिए 11 जून को यह सर्जरी की गई। एम्स के सर्जनों की एक टीम लगभग 9 घंटे तक रिद्धी-सिद्धी को नई जिंदगी देने के लिए लगी रही। 9 घंटे तक चली इस सर्जरी में दोनों बहनों को अलग-अलग किया गया।
इस के चलते विशेष ख्याल रखा गया कि किसी भी तरह की गलती न हो। क्योंकि छोटी सी गलती थी दोनों की जान के लिए बड़ा खतरा बन सकती थी। इस सर्जरी की पूरा करने के लिए अलग-अलग विभाग के डॉक्टर टीम में सम्मिल्लित थे। दिल्ली AIIMS में की गई 'बर्थ डिफेक्ट की सर्जरी' इस प्रकार की तीसरी सफल कंजोइंड सर्जरी है। पहली सर्जरी करोना काल में की गई थी जो पूरे 24 घंटे तक चली थी, मगर इस तीसरी सर्जरी में बच्चियों के पैदा होने से पहले ही पता चल गया था कि दोनों आपस में जुड़ी हुई हैं। इन बच्चो का जन्म भी दिल्ली एम्स में हुआ 23 जुलाई 2022 को हुआ था। ठीक एक वर्ष पश्चात् दोनों को फिर से चिकित्सकों ने नई जिंदगी दी है।
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