भारत में वायु सेना ने टिड्डियों के हमलों से बचाने की खातिर एमआइ-17 हेलीकॉप्टरों को तैनात किया है. साथ ही, देश में स्वदेशी रूप से टिड्डी नियंत्रण प्रणाली विकसित की है. देश के विभिन्न राज्यों में बार-बार टिड्डियों के हमलों की आशंका देखते हुए भारतीय कृषि मंत्रालय ने मई 2000 में यूके स्थित एक कंपनी के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था. इसमें टिड्डियों के प्रजनन को रोकने के लिए कीटनाशक के छिड़काव की खातिर दो भारतीय वायु सेना के एमआइ-17 हेलीकॉप्टरों को संशोधित करने की बात की गई थी. लेकिन, कोविड-19 महामारी के कारण यूके स्थित फर्म सिस्टम के परीक्षण के लिए सितंबर 2020 से पहले संशोधित किट बनाने और आपूर्ति करने में असमर्थ थी. इसे देखने के बाद वायु सेना ने खुद कीटनाशक छिड़काव किट विकसित करने का निर्णय लिया.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि देश में तेजी से बढ़ते जा रहे टिड्डी दल पर नियंत्रण के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हेलीकॉप्टर रवाना किया. ग्रेटर नोएडा इकोटेक दो उद्योग विहार स्थित इंडोकॉप्टर प्राइवेट लिमिटेड से हेलीकॉप्टर को हरी झंडी दिखाकर राजस्थान के बाड़मेर जिले के लिए रवाना किया गया. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भारत में पहली बार टिड्डी नियंत्रण के लिए हेलीकॉप्टर से कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा है.
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इसके अलावा एयरफोर्स से भी टिड्डी दल के नियंत्रण को चार हेलीकॉप्टर की मांग की गई है. हेलीकॉप्टर के जरिये प्रभावित इलाकों में कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाएगा. दावा किया कि भारत के किसी भी राज्य अथवा जिले में टिड्डियों के हमले से फसलों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. टिड्डियों के हमले को लेकर सरकार पूरी तरह सतर्क है. हर राज्य में प्रशासन को चौकन्ना रहने की हिदायत दी गई है. टिड्डी दल के नियंत्रण को ब्रिटेन से भी चार मशीनें मंगाई गई हैं. कोविड-19 में देरी के चलते मशीन आने में देरी हो रही है.
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