नई दिल्ली: तमाम विवादों और आरोपों के बाद अब राफेल विमान की ट्रेनिंग शुरू होने जा रही है. भारतीय सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि भारतीय सैनिकों की राफेल लड़ाकू विमान की ट्रेनिंग जल्द ही शुरू होने वाली है, बताया जा रहा है कि इसके लिए विमान चालकों को फ्रांस भेजा जाएगा. इस साल के अंत तक पायलटों का एक दल ट्रेनिंग के लिए फ्रांस जाएगा, एक भारतीय टीम को प्रशिक्षण दिया भी जा चुका है.
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राफेल का निर्माण करने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसौ एविएशन को भारत की खास जरूरतों के बारे में बताया जा चुका है, उसी के अनुरूप उसकी साज--सज्जा की जा रही है, भारत ने फ्रांस से सितंबर 2016 में 36 राफेल विमान 58 हजार करोड़ रुपए में खरीदे हैं, यह विमान शक्तिशाली हथियारों व मिसाइलों से लैस रहेगा. वहीं दसौ एविएशन ने भी विमानों का परिक्षण शुरू कर दिया है, उन्हें भारत सरकार द्वारा विमान की डिलीवरी जल्दी देने के लिए कहा गया है, इसीलिए प्रशिक्षण की तैयारियां भी ज़ोरों पर है.
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सूत्रों के अनुसार राफेल की पहली खेप वायुसेना के अंबाला एयरबेस पर तैनात की जाएगी, यह भारत का सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण एयरबेस है. ये भारत-पाक सीमा से करीब 220 किमी दूर है. राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा एयर बेस पर तैनात होगी. दोनों एयरबेस पर इन विमानों को रखने की बुनियादी सुविधाएं जुटाने के वास्ते 400 करोड़ रुपए मंजूर कर चुकी है.
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