नई दिल्लीः कर्ज के बोझ से दबी सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया की हालत काफी पतली हो चुकी है। कंपनी का नुकसान बढ़ते जा रहा है। एयर इंडिया को बीते वित्त वर्ष में लगभग 4,600 करोड़ रुपये का घाटा परिचालन से हुआ है, इसका मुख्य कारण तेल के दाम में तेजी और विदेशी विनिमय दर में बदलाव से नुकसान है। इस बात की जानकारी सरकारी एयरलाइन के लीनियर अधिकारियों ने दी है। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि एयरलाइन को 2018-19 में 8,400 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ जबकि कुल आय 26,400 करोड़ रुपये रही।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया को 2019-20 में 700 से 800 करोड़ रुपये के परिचालन लाभ का अनुमान है। हालांकि, यह तब संभव है जब तेल के दाम में कोई बड़ा उछाल न हो और विदेशी विनिमय दर तेज उतार-चढ़ाव से बचे रहें। उसने कहा कि एयरलाइन को जून में समाप्त तिमाही में 175 से 200 करोड़ रुपये का परिचालन नुकसान हुआ। इसकी वजह भारतीय विमानों के लिए पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का बंद होना था। इस कारण विमानन कंपनी की लागत बढ़ी और रोजाना 3 से 4 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कंपनी फिलहाल 41 अंतरराष्ट्रीय और 72 घरेलू उड़ानों का परिचालन करती है। कंपनी के बड़े आकार वाले विमान फिलहाल मरम्मत आदि के चलते उड़ान नहीं भर रहे और जल्दी ही इनके परिचालन में आने की उम्मीद है। बता दें कि भूगतान न होने के कारण तेल कंपनियों ने कई हवाई अड्डों पर तेल की सप्लाई रोक दी है।
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