आज यानि बुधवार को अमेरिका के एयरपोर्ट्स पर 5जी इंटरनेट सर्विस (5G internet deployment) लागू हो रही है। वहीं इसकी वजह से एअर इंडिया की फ्लाइट सर्विस प्रभावित होने वाली है। ऐसे में आप सभी को बता दें कि 5G सेलुलर टेक्नोलॉजी में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है और यह 4G नेटवर्क का अगला वर्जन है। आप सभी को बता दें कि 5G में यूजर्स को ज्यादा स्पीड, कम लेटेंसी और ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी देखने को मिलेगा। अब आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
क्या है 5G- जी दरअसल पहले के सेलुलर टेक्नोलॉजी कनेक्टिविटी पर फोकस करते थे। हालाँकि 5G सेलुलर टेक्नोलॉजी इसमें एक कदम आगे बढ़ कर क्लाउड से क्लाइंट को कनेक्ट करेगा। जी दरअसल 5G एक नए प्रोसेस के जरिए वन सिंगल डिजिटल सिग्नल को डिफरेंट चैनल्स में रेगुलेट करेगा। इस प्रोसेस को OFDM कहा जाता है और OFDM ये सुनिश्चित करता है सिग्नल में कम से कम इंटरफेरेंस हो। आपको बता दें कि 5G नेटवर्क 4G के स्पेक्ट्रम को को कवर नहीं करेगा।
जी दरअसल यह इसके लिए 5GNR (न्यू रेडियो) एयर इंटरफेस का उपयोग करेगा और इसके अलावा ये ज्यादा बैंडविथ वाले टेक्नोलॉजी जैसे mmWave और sub-6 GHz बैंड्स को यूज करेगा। वहीं स्पीड के अलावा भी 5G कई जगह काम आने वाला है। जी दरअसल इससे कनेक्टिविटी भी काफी बढ़िया होने वाला है और 5G टेक्नोलॉजी से ड्राइवरलेस कार, हेल्थकेयर, वर्चुअल रियल्टी, क्लाउड गेमिंग के लिए भी नए रास्ते खोलेगा। वहीं दूसरी तरफ Qualcomm के अनुसार 5G अभी तक 13.1 ट्रिलियन डॉलर ग्लोबल इकोनॉमिक आउटपुट दे चुका है। मिली जानकारी के तहत 5G में लेटेंसी भी कम देखने को मिलेगा। इसमें लेटेंसी 1ms तक जा सकता है। इसी के साथ 5G की पीक स्पीड की बात करें तो ये 20 GBPS तक है। जी हाँ और इस स्पीड को पाने के लिए 5G सभी तरह के स्पेक्ट्रम को यूज करता है।
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