नई दिल्ली: टाटा समूह एयर इंडिया लिमिटेड में अपने 4 एयरलाइंस ब्रांड को विलय करने के बारे में विचार कर रही है, जिससे एविएशन सेक्टर में वो अपना बड़ा साम्राज्य स्थापित कर सके। इसी क्रम में टाटा, विस्तारा ब्रांड को भी खत्म कर सकती है, जिसके लिए वो साझीदार सिंगापुर एयरलाइंस के साथ बात कर रही है। टाटा के इस फैसले के बाद एयर इंडिया देश में विमानों की तादाद और मार्केट शेयर के लिहाज से दूसरी बड़ी एयरलाइंस बन जाएगी।
बता दें कि, गत वर्ष एयर इंडिया को खरीदने की दौड़ में टाटा समूह विजयी घोषित हुई थी। जिसके बाद जनवरी 2022 में टाटा ने भारत सरकार से एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था और एयर इंडिया के कॉकपिट में सवार हो गई थी। एयर इंडिया के अधिग्रहण से पहले टाटा के विस्तारा और एयरएशिया नाम से दो एयरलाइंस ब्रांड संचालित थे। एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद टाटा समूह के पास एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ब्रांड भी जुड़ गया। इसी महीने टाटा ने कहा कि वो एयरएशिया को पूरी तरह खरीदकर, उसे लो कॉस्ट कैरियर के रूप में एयर इंडिया एक्सप्रेस में विलय करने जा रही है। यानि टाटा सिर्फ एयर इंडिया ब्रांड के नाम से सभी एयरलाइंस को संचालित करेगी।
रिपोर्ट की मानें तो, टाटा, विस्तारा ब्रांड को खत्म कर सकती है और विस्तारा एयरलाइंस में टाटा की विदेशी साझीदार सिंगापुर एयरलाइंस को एयर इंडिया लिमिटेड में 20 से 25 फीसदी हिस्सेदारी दी जा सकती है। इसके साथ ही विस्तारा के कुछ बोर्ड सदस्यों को एयर इंडिया के बोर्ड में स्थान दिया जा सकता है। फिलहाल, सिंगापुर एयरलाइंस की टाटा सिंगापुर एयरलाइंस में 49 फीसदी हिस्सेदारी है।
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