वर्तमान में देश के सभी विमानतलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कंधों पर है। इसके लिए वह अभी तक कई प्रमुख प्रकार की नस्ल के कुत्तों का इस्तेमाल करते हैं जिनमे जर्मन शेपहर्ड, लैब्राडोर और बेलजियन मेलिनोइस प्रमुख हैं। मगर अब जल्द ही इसमें बदलाव हो जायेगा क्योंकि अब असल कुत्तों की प्रतिद्वंदिता फैक्ट्री में बने रोबोटिक कुत्तो से होगी।
कंपनियों में बने यह रोबोटिक कुत्ते एक साथ दो काम कर सकते हैं। यह विस्फोटकों को सूंघकर उन्हें ढूंढ सकते हैं इसके अलावा यह यात्रियों के सामान को आंखों में लगे एक्सरे की मदद से स्कैन भी कर सकते हैं। यह जानकारी एक अधिकारी द्वारा दी गई है जो की सीआईएसएफ के तकनीकी कार्यक्रम से वाकिफ हैं। रोबोटिक कुत्तों के इस्तेमाल की बात वैश्विक विमानन सुरक्षा संगोष्ठी में हुई है।
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक सीआईएसएफ ने अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) द्वारा आयोजित वैश्विक विमानन सुरक्षा संगोष्ठी में पहली बार पिछले हफ्ते ही हिस्सा लिया। जिसमें यूरोपियन यूनियन और दूसरे आईसीएओ सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण द्वापीक्षीय बातचीत हुई।
एक अधिकारी द्वारा बताया गया, 'हमारा पहले से ही अमेरिका के परिवहन सुरक्षा प्रशासन के साथ गठबंधन है लेकिन अब हम यूरोपियन यूनियन के साथ भी एक समझौता करने वाले हैं। इस समझौते के बाद हमारी पहुंच नई तकनीकों तक होगी और हम अपने हवाई अड्डो को पहले के मुकाबले और अधिक सुरक्षित कर सकेंगे।' रोबोटिक कुत्तों के अलावा बैठक में सीटी स्कैन बेस्ड हैंड बैगेज की स्क्रिनिंग, केबिन बैगेज, और आर्टिफिश्यल इंटेलिजेंस पर भी बातचीत हुई।
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