इंटरनेट पर ऐश्वर्या राय बच्चन और उनकी ग्याहरह वर्षीय बेटी आराध्या बच्चन का एक लिप किसिंग फ़ोटो वायरल हो रहा है। वैसे तो किसी की निजी ज़िन्दगी और उनके पारिवारिक रीतिरिवाज़ों में दखलंदाज़ी करने का किसी को कोई हक़ नहीं होता है। लेकिन जैसा की हम देख सकते है ऐश्वर्या ने स्वयं ही ये फॉटो अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है। जिसके बाद से इस पोस्ट पर जमकर लाइक्स और कमैंट्स की भरमार आ गई है। और इस पर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं।
भारत में जब भी किसी माता या पिता द्वारा अपने बच्चों पर दुलार किया जाता है तो माथे या गाल पर चुम्बन करते हुए ही देखा गया है। यहाँ तक की कभी विदेश में भी किसी भी माता या पिता को होंठो पर चुम्बन करते नहीं देखा गया है। जिसने भी यह फ़ोटो देखी उसे आचार्य हुआ की हमारी भारतीय सभ्यता को किस तरह ठेस पहुंचाया जा रहा है। यह पोस्ट किसी को दिखाया भी नहीं जा सकता है। एक मॉडर्न सोसाइटी को शायद इससे कोई फ़र्क़ न पड़े, लेकिन देश की आम जनता को तो फ़र्क़ पड़ता है। इसे समाज की गन्दगी बताकर बिलकुल भी नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है।
हमारे यहां कुंवारी बेटी और बहू के लिए अलग तरह के रीती-रिवाज़ हैं। हमारे भारतीय सभ्यता में बेटी को देवियों की तरह पूजा जाता है, इस लिए हमारे यहाँ बेटियां पाँव नहीं छूती हैं, वही बहुओं का पाँव छूने का रिवाज़ है है। देश के कुछ भागों में भले बेटियां पैर छूती हैं पर उत्तर भारत में ऐसा नहीं होता है। उत्तर भारत में बेटियों के पैर छुए जाते हैं। लेकिन बेटी के होठों पर चुम्बन करने का ऐसा कोई रिवाज नहीं है। सच कहे तो भारत के किसी भाग में क्या विश्व के किसी देश में भी ऐसा रिवाज नहीं है ।
भारतवर्ष संस्कारों से भरा देश है। मां-बेटी, भाई-बहन, मां-बेटे, पिता-पुत्र, पिता-पुत्री के रिश्ते एक सामान हैं। सभी में समानता है, पर कुछ नियम-कायदे भी हैं। कुछ सीमाएं हैं जिन्हे निभाया जाता है। और यही बस क्यों, देवर-भाभी, जीजा-साली और सास-बहू के रिश्तों में मिठास भी होतो है और इसी के साथ मर्यादाएं भी होती है। पति-पत्नी के बीच का रिश्ता अलग होता है, हर तरह की स्वतंत्रता होती है, मिठास होता है, प्यार है किंतु सार्वजनिक मंच पर उनके बीच भी मर्यादाएं हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि प्यार के सभी रिश्तों का कोई न कोई कायदा-कानून भी होता है। हम पूरब के वासी हैं, पूरब की संस्कृति का पश्चिम की संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है।
दुनिया में अलग-अलग तरह की भाषा, जाती, नियम और कानून है। हर देश अपने संस्कारों की और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना चाहता है। लेकिन न जाने क्यों हम भारतीय पश्चिमी सभ्यता को अपनाना चाहते हैं और हमे खुद की सभ्यता को अपनाने में न जाने क्या दिखातें नज़र आती है। आप माने या न माने हमारा ज्ञान, हमारी जीवन पद्धति, हमारा दर्शन, हमारी संस्कृति विश्व में सबसे अलग और व्यापक है। हम मोमबत्ती बुझाने वाली नहीं, दीपक जलाने वाली सभ्यता और संस्कृति हैं। जिन पश्चिमी सभ्यता का हम पीछा करने की कोशिश कर रहे हैं वह भी केवल विवाह के समय ही लिप किस करते हैं। अन्यथा गाल पर ही किस किया जाता है।
अगर यह फोटो महज़ सोशल मीडिया पर पब्लिसिटी स्टंट के लिए शेयर किया गया है तो गुज़ारिश है आप सभी प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले लोग कि सोशल मीडिया के माध्यम से भारतीय सभ्यता को ठेस न पहुँचाए। और हमे पश्चिमी सभयता की ओर न ले जाएं।
Disclaimer: यह फ़ोटो ऐश्वर्या राय ने खुद के इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया है, इससे हमारा कोई लेना-देना नहीं हैं और न ही इस पोस्ट से हमने किसी प्रकार की कोई छेड़खानी की हैं।
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