नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी झुग्गियों को हटाने से पहले उनके पुनर्वास का प्रबंध कराने के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन ने शीर्ष अदालत में एक आवेदन दाखिल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त को एक फैसले में दिल्ली में रेलवे लाइन के किनारे बनी 48,000 झुग्गियों को तीन महीने के भीतर हटाने का आदेश दिया था.
अदालत ने कहा था कि इस आदेश पर अमल में किसी किस्म का राजनीतिक दखल नहीं हो. माकन द्वारा दाखिल इस आवेदन में रेलवे, दिल्ली सरकार और दिल्ली शहरी आवास सुधार बोर्ड को यह निर्देश देने का आग्रह किया गया है कि इन झुग्गियों को हटाने से पहले यहां रहने वालों को अन्यत्र बसाने का प्रबंध करें. इसके साथ ही माकन ने मांग की है कि इस संबंध में दिल्ली स्लम और जेजे पुनर्वास नीति 2015 और झुग्गियों को हटाने संबंधी प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन किया जाए.
वकील अमन पंवार और नितिन सलूजा के जरिए दाखिल किए गए आवेदन में कहा गया है कि अदालत के 31 अगस्त के आदेश के बाद रेल मंत्रालय ने झुग्गियां गिराने के लिये नोटिस जारी कर दिए हैं और इसके लिए 11 और 14 सितंबर को मुहीम चलाई जाएगी. आवेदन में कहा गया है कि झुग्गी बस्तियों को हटाने से पहले इनकी आबादी का सर्वे और पुनर्वास करने के संबंध में भारत सरकार और दिल्ली सरकार की सभी नीतियों का पालन नहीं किया गया है और न ही इस तथ्य को अदालत के संज्ञान में लाया गया.
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