नई दिल्ली: विप्रो लिमिटेड के संस्थापक और फाउंडर चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कहा कि किसी प्रकार का परोपकार करना किसी कंपनी को चलाने से अधिक मुश्किल काम है। मद्रास मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा ऐमलेगमेशन बिजनेस लीडरशिप अवार्ड मिलने के बाद देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी की स्थापना करने वाले प्रेमजी ने कहा कि परोपकार करना एक मुश्किल काम है।
प्रेमजी ने आगे कहा कि मैं पिछले एक वर्ष से परोपकार संबंधी कार्यों से अधिक जुड़ गया हूं। जितना मैं इसको देख रहा हूं, उससे ये ही लगता है कि यह कितना मुश्किल है। पैसे के बगैर भी आप किसी इंसान को किस तरह खुश रख सकते हैं और समाजसेवा से आपको कितनी प्रशंसा मिलती है, यह आप शब्दों में बयां नहीं कर सकते हैं। प्रेमजी ने 'लीडिंग ए यंग एंड डिजिटल इंडिया' शीर्षक पर अनंतारामाकृष्णन मेमोरियल लेक्चर में अपने जीवन से सम्बंधित बातें साझा की।
अपने जीवन के बारे में बताते हुए अजीम प्रेमजी ने कहा कि, मेरी मां और महात्मा गांधी के जीवन से मेरी सोच बहुत प्रभावित हुई। मैंने उनसे समझा कि संपत्ति का उपयोग किस तरह करना चाहिए। मेरी मां मुंबई में बच्चों के ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल की प्रमुख फाउंडर थीं। ये अस्पताल पोलियोग्रस्त बच्चों के लिए एशिया में अपनी किस्म का पहला अस्पताल था।
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