मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज, गुरुवार को महाराष्ट्र के दौरे पर हैं, जहां वह राज्य में तीन प्रमुख रैलियां करेंगे। उनकी पहली रैली औरंगाबाद में दोपहर 1 बजे होगी, दूसरी खारघर में शाम 4 बजे और तीसरी रैली मुंबई में शाम 6 बजे आयोजित की जाएगी। इन रैलियों में प्रधानमंत्री मोदी मेट्रो, कोस्टल रोड और अटल सेतु जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का जिक्र कर सकते हैं, जो महाराष्ट्र के MMR (मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र) में विकास के प्रतीक हैं। बीजेपी को इस क्षेत्र से बड़ी उम्मीदें हैं, क्योंकि मेट्रो और अन्य प्रोजेक्ट्स यहां तेजी से चल रहे हैं, और प्रधानमंत्री मोदी की इन योजनाओं पर चर्चा से पार्टी को फायदा हो सकता है।
हालांकि, इस रैली में एक दिलचस्प घटनाक्रम सामने आया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख अजित पवार इस रैली में शामिल नहीं होंगे, जबकि वे महायुति गठबंधन का हिस्सा हैं। उनकी अनुपस्थिति कई सवाल खड़े कर रही है। सवाल उठता है कि आखिर अजित पवार के मन में क्या चल रहा है? क्या वे चुनाव बाद पाला बदलने की योजना बना रहे हैं? पहले ही अजित पवार ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की है, और यह महत्वाकांक्षा उन्हें फिर से महा विकास आघाड़ी (MVA) के पास ले जा सकती है।
अजीत पवार के साथ-साथ अन्य एनसीपी नेता जैसे सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल भी पीएम मोदी की रैली में शामिल नहीं होंगे। सुनील तटकरे खारघर में हो रही रैली में शामिल होंगे, लेकिन पवार और पटेल के शामिल न होने से राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। क्या अजित पवार की यह चुप्पी और अनुपस्थिति किसी बड़े राजनीतिक बदलाव का संकेत दे रही है? क्या उन्हें बीजेपी के साथ आगे गठबंधन की संभावना पर विचार हो रहा है, या फिर वे अपने पुराने गठबंधन एमवीए के पास लौटने की सोच रहे हैं? ये सवाल अब अहम बन गए हैं, और राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अजित पवार का यह कदम उनके भविष्य की रणनीति को दर्शाता है।
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