अजमेर दरगाह या शिव मंदिर..? आखिर क्या है मामले की सच्चाई

अजमेर दरगाह या शिव मंदिर..? आखिर क्या है मामले की सच्चाई
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जयपुर: राजस्थान के अजमेर में स्थित प्रसिद्ध दरगाह को हिंदू मंदिर बताने वाली याचिका को निचली अदालत ने मंजूर कर लिया है. कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए 5 दिसंबर को अगली सुनवाई की डेट भी तय कर चुकी है. दरअसल, हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल होने की याचिका कोर्ट में दर्ज कर ली गई है.

इस मामले में  रिपोर्ट्स का कहना है कि याचिका पर बुधवार को अजमेर पश्चिम सिविल जज सीनियर डिविजन मनमोहन चंदेल की कोर्ट ने सुनवाई शुरू की. इस बीच वादी विष्णु गुप्ता के वाद पर न्यायाधीश मनमोहन चंदेल ने संज्ञान लेते हुए दरगाह कमेटी ,अल्पसंख्यक मामलात व एएसआई को समन नोटिस जारी करने के निर्देश दिए और अगली तारीख पर पेश होने के लिए बोला है.

दरगाह को हिंदू मंदिर बता रहे हिंदू संगठन: अब तक मिली जानकारी के अनुसार हिंदू संगठन लंबे समय से अजमेर दरगाह को मंदिर कह रहे हैं. वर्ष 2022 में हिंदू संगठन महाराणा प्रताप सेना ने इसके मंदिर होने का दावा करते हुए तत्कालीन राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सेंट्रल गवर्नमेंट को पत्र लिखकर इसकी कार्रवाई कराने के लिए कहा था. महराणा प्रताप सेना के पदाधिकारियों ने एक होतोस भी भेजी थी, जिसमें अजमेर दरगाह की खिड़कियों पर स्वस्तिक के निशान होने का दावा किया गया था. इतना ही नहीं  संगठन के संस्थापक राजवर्धन सिंह परमार ने दावा किया था कि अजमेर दरगाह एक शिव मंदिर था जिसे दरगाह का रूप दे दिया गया. 

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