हरिद्वार: लॉ छात्रा के साथ दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के आरोप में जेले भेजे गए पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद के समर्थन में संतों का शीर्ष संगठन अखिल भारती अखाड़ा परिषद उतर आया है। परिषद ने चिन्मयानंद पर इल्जाम लगाने वाली छात्रा के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने के लिए कहा है। इसके साथ ही चिन्मयांद को रिहा करने की मांगी की है। गौरतलब है कि इस मामले की तफ्तीश SIT कर रही है।
हरिद्वार जिले के कनखल स्थित बड़ा अखाड़ा उदासीन में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक ली गई। बैठक में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के वर्तमान अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरी और महामंत्री श्री महंत हरि गिरि महाराज और उनकी पूरी टीम का एक बार फिर से पांच वर्ष के लिए चुनाव कर लिया गया है। इस दौरान बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। उन्में से एक फैसला पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर था। परिषद ने बैठक के दौरान चिन्मयानंद को क्लीन चिट दी। संतों ने माना कि स्वामी चिन्मयानंद को साजिश के तहत फंसाया गया है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत ने कहा कि चिन्मयानंद प्रकरण की आड़ में साधु-संतों को बदनाम करने और उनकी छवि को धूमिल करने की बड़ी साजिश की जा रही है। उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का इल्जाम लगाने वाली लड़की के संबंध में कहा कि इस मामले में पीड़ित लड़की की भूमिका भी संदिग्ध है और ऐसा लग रहा है कि नशीली दवा खिलाकर स्वामी चिन्मयानंद को फंसाने का षड्यंत्र किया गया है।
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