लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'बंटेंगे तो कटेंगे' नारे पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने तीखा हमला किया है। उन्होंने सलाह दी है कि मुख्यमंत्री को अपने नकारात्मक दृष्टिकोण और सलाहकारों को बदल लेना चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए फायदेमंद साबित होगा। अखिलेश ने यह भी कहा कि बेहतर है कि वे 'अच्छे विचार पालें' और खुली बांहें रखें, क्योंकि यही उनके हित में है।
अखिलेश यादव ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुद्दे पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह नकारात्मक नारा योगी की निराशा और नाकामी का प्रतीक है। उनके अनुसार, इस नारे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री के पास जो 10% वोटर बचे हैं, वे भी अब खिसकने की कगार पर हैं। ऐसे में योगी अब लोगों को डराने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह प्रयास सफल नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि 'नकारात्मक नारे' का प्रभाव भी पड़ता है। इस निराशाजनक नारे के आने के बाद, बचे हुए समर्थक और भी निराश हो गए हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि जो ताकतवर समझे जा रहे थे, वे भी सत्ता में रहकर कमजोरियों की बातें कर रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि एक 'आदर्श राज्य' की कल्पना 'अभय' के आधार पर की जाती है, न कि 'भय' के।
उनका यह भी मानना है कि 'भयभीत' लोग ही 'भय' बेचते हैं, क्योंकि जो कुछ भी उनके पास होता है, वे वही बेचते हैं। अखिलेश यादव ने इस नारे को 'निकृष्टतम-नारे' के रूप में संदर्भित करते हुए कहा कि यह योगी के राजनीतिक पतन का अंतिम अध्याय होगा और इतिहास में इसे एक महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में दर्ज किया जाएगा।
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