लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद अलग ही तेवर में नज़र आ रहे हैं। सपा सांसदों की तादाद 5 से बढ़कर 37 हो गई है। इसके बाद से वे और उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा निरंतर विवादित बयानबाजी देखने को मिल रही हैं। अब अखिलेश यादव ने फैजाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद को ‘अयोध्या का राजा’ बताया है। मजे की बात तो ये है कि, हाल ही में सपा सांसद आरके चौधरी ने भारत की प्राचीनता और ऐतिहासिकता के प्रतिक, सेंगोल को राजा का डंडा बताया था और इसे हटाने की मांग की थी। सपा सांसद चौधरी ने कहा था कि, आज देश में लोकतंत्र है, राजतंत्र नहीं, इसलिए इसको हटा दिया जाए। अखिलेश सहित तमाम विपक्षी दलों ने उनका समर्थन किया था। आज वही अखिलेश अपने एक जनप्रतिनिधि, जनता द्वारा चुने गए सांसद को राजा बता रहे हैं, वो भी अयोध्या जैसी ऐतिहासिक नगरी का। यही नेता, चुनाव लड़ने से पहले खुद को जनता का सेवक कहते हैं, और चुनाव जीतते ही राजा बन जाते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, सपा प्रमुख अखिलेश यादव गुरुवार (27 जून 2024) को फैजाबाद सीट के सांसद अवधेश प्रसाद का हाथ पकड़े हुए संसद पहुँचे। अखिलेश फैजाबाद (अयोध्या) की सीट पर सपा की जीत के बारे में बता रहे थे। इस बीच उन्होंने दावा किया कि भाजपा ने अयोध्या यानी फैजाबाद को सिर्फ बर्बाद किया, किन्तु सपा वाले लोकतंत्र रक्षक सेनानी हैं। इस दौरान अखिलेश यादव थोड़े भावनाओं में बहते दिखाई दिए, उन्होंने भीड़ में पीछे खड़े फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद को आवाज देकर आगे बुलाया और मीडिया से कि, “लोकतंत्र रक्षक सेनानी अवधेश जी हमारे साथ खड़े हैं। राजा अयोध्या।” वैसे हज़ारों सालों से भारत के लोग 'अयोध्याराज' के रूप में श्री राम को पूजते आ रहे हैं।
Arrogance has got to the head of SP
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) June 27, 2024
Calling MP of Ayodhya as “Raja of Ayodhya” which is only meant for Prabhu Shri Ram !
Shameful behaviour ! After constantly insulting Sanatan and Hindu Dharm & Ram Charitmanas now this pic.twitter.com/fDdbO4zstY
अखिलेश यादव के इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि, “समाजवादी पार्टी के सिर पर अहंकार हावी हो गया है। अयोध्या के सांसद (जनप्रतिनिधि) को ‘अयोध्या का राजा’ कहना शर्मनाक है। ‘राजा अयोध्या’ केवल प्रभु श्रीराम हैं! सनातन और हिंदू धर्म तथा रामचरितमानस का निरंतर अपमान करने के बाद अब ऐसा बयान।” दरअसल, यह पहली दफा नहीं है जब सपा ने इस तरह से भगवान राम का अनादर किया हो। इससे पहले मेरठ से भाजपा सांसद अरुण गोविल ने संस्कृत में शपथ ग्रहण के बाद जय श्रीराम कहा था, तो सदन में बैठे सपा सांसद ‘जय अवधेश’ के नारे लगाने लगे थे। इस समय फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद मुस्कुराते हुए सदन में खड़े होकर सपा के नेताओं का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे।
सपा में ही रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर भी अपमानजनक टिप्पणी की थी। इन्ही स्वामी प्रसाद ने सपा नेता आरके वर्मा और अन्य के साथ मिलकर सार्वजनिक तौर पर रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई थीं। जिस मामले में इलाहबाद हाई कोर्ट में उनके खिलाफ केस चल रहा है। दरअसल, तुष्टिकरण में डूबकर मुल्ला मुलायम नाम प्राप्त करने वाले सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने खुद भी रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं थीं, और कहा था कि, अगर और अधिक लोगों को भी मारना पड़ता तो मारता। मुलायम सिंह ने ही अपने मुख्यमंत्री रहते हुए 2004 में ज्ञानवापी परिसर में स्थित माता श्रृंगार गौरी की पूजा रुकवा दी थी, जो सदियों से चली आ रही थी। मौजूदा समय में अदालत ने वहां वापस से पूजा शुरू करने की अनुमति दी है। यानी देखा जाए, तो सपा का इतिहास ही ऐसा रहा है, जिसका असर आज भी दिख रहा है।
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