नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी चीफ एवं यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि कोरोना संकट के दौरान भाजपा सरकार अपने और RSS के पूंजीघरानों को संरक्षण देने और गरीब, दलित, पिछड़ों तथा समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की जिंदगी में और अधिक परेशानियां उत्पन्न करने पर उतारू हो गई है। भाजपा ने मंहगाई बढ़ाने का कुचक्र तो रचा ही है मजदूरों के शोषण के लिए भी नए रास्ते बना दिए हैं। भाजपा सरकार के इन जनविरोधी हरकतों से आवाम में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि यूपी की योगी सरकार ने एक अध्यादेश के द्वारा मजदूरों को शोषण से बचाने वाले श्रम कानून के ज्यादातर प्राविधानों की 3 वर्ष के लिए स्थगित कर दिया है। यह बेहद आपत्तिजनक और अमानवीय है। विस्थापन और बेरोजगारी के शिकार मजदूरों को अब पूरी तरह उनके मालिकों की शर्तों पर काम करने के लिए बाध्य किये जाने की यह साजिश है। भाजपा सरकार गरीब को नहीं, बल्कि पूंजीपति के हितों को बचाने की चिंता कर रही है। श्रमिकों को संरक्षण न दे पाने वाली भाजपा सरकार को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भाजपा सरकार ने मंहगाई की मार बढ़ाने के लिए आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर बाइक से लेकर ट्रक तक पर टोल टैक्स में इजाफा कर दिया है। नोएडा अथारिटी द्वारा पानी की दरों में 7.5 फीसद की वृद्धि कर दी गई है। पेट्रोल-डीजल पर केन्द्र सरकार ने सेस और अतिरिक्त डयूटी बढ़ा दी तो यूपी कि योगी सरकार ने अतिरिक्त वैट लगा दिया। यह किसानों और आवाम पर अत्याचार है।
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