लखनऊ: एक वक़्त था जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी में राज्य की धनराशि की सहायता से प्रतिमाएं लगवाने के लिए मायावती को लताड़ लगाई था, आज वही अखिलेश यादव शीर्ष अदालत की तीखी टिप्पणी के बाद अपने गठबंधन की साथी बसपा सुप्रीमो पर नरम पड़ गए हैं। शनिवार को प्रेस वालों के सवालों पर जवाब देते हुए अखिलेश यादव ने कहा है कि, मुझे इस बारे मे पूरी जानकारी नहीं मिली है। हो सकता है कि अदालत ने इस मामले पर कुछ टिप्पणियां की हों। बसपा के वकील अदालत में अपना पक्ष रखेंगे।
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उल्लेखनीय है कि इस मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि लखनऊ और नोएडा में बनाए गए पार्टी के प्रतिक चिन्ह हाथी की प्रतिमा के साथ-साथ खुद की और अन्य प्रतिमाओं को लगाने में जनता का पैसा प्रयोग किया गाया है, इसलिए मायावती को वह पैसा वापस लौटना चाहिए। आपको ये भी बता दें कि इन प्रतिमा के जांच के आदेश भी तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने दिए थे। उन्होंने कहा था कि बीएसपी के कार्यकाल में 40 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है।
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किन्तु आज जब इन मुर्तियों पर शीर्ष अदालत ने टिप्पणी करते हुए सवाल खड़ा किया है तो अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमलावर हो गए। वही लखनऊ के लोक भवन में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 फीट की मूर्ति लगाए जाने की योजना पर अखिलेश यादव ने कहा है कि हम उसी स्थान पर सपा नेता राम शरण दास की प्रतिमा भी स्थापित करेंगे।
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