लखनऊ : 2019 का आगाज होते ही देश में लोकसभा चुनावों को लेकर सियासत गरमा गई है. सत्ताधारी हो या फिर विपक्ष कोई भी एकदूजे पर निशाना साधने से नहीं चूक रहा है. हाल ही में एक नेता द्वारा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्षा मायावती पर की गई अभद्र टिप्पणी पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
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समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रिय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद ट्वीट करते कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि, 'मुगलसराय से भाजपा की महिला विधायक ने जिस तरह की अभद्र भाषा मायावती के लिए प्रयोग की हैं, वो घोर निंदनीय हैं. ये भाजपा के नैतिक दिवालियापन और हताशा को दर्शाता है. ये सिर्फ मायावती की ही नहीं बल्कि देश की सभी महिलाओं का भी अपमान है.'
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अखिलेश से पहले बसपा के नेता सतीशचंद्र मिश्रा ने भी आपत्ति जताते हुए कहा था कि, ''साधना सिंह का बयान भाजपा के स्तर को दर्शाता है. समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के गठबंधन के बाद भाजपा नेताओं का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है और उन्हें आगरा या बरेली के मेंटल हॉस्पिटल (मानसिक अस्पताल) में भर्ती करवा दिया जाना चाहिए.'' आपको बता दें कि भाजपा की साधना सिंह ने कहा था कि ''मायावती न तो महिला लगती हैं और न ही पुरुष, भारतीय नेता ने उनकी अस्मत लुटते-लुटते हुए बचाई, लेकिन सत्ता के लिए मायावती ने अपमान को भी स्वीकार कर लिया.'' इसके बाद से उत्तर प्रदेश की सियासत गरमा गई है.
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