लखनऊ: सपा अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि प्रदेश में बीजेपी सरकार ने सवा तीन साल से ज्यादा वक्त में जनता के खिलाफ साजिश और राजनीति करने के अलावा उसने कोई काम उचित ढंग से नहीं किया है. फिर चाहे वह लॉक डाउन हो या फिर अनलॉक, भाजपा सरकार श्रमिकों में विश्वास जगाने में पूरी तरह नाकामियाब थे. मिली जानकारी के अनुसार अखिलेश यादव ने रविवार को कहा, कि वस्तुत: झूठ ही बीजेपी का असली रूप है. प्रदेश के मुखिया जिस तरह बिना जमीन या खेत के फसल लहलहा देते हैं और उसी तरह हर श्रमिक को घर बैठे काम दें रहे है. एक एमओयू से 10 उद्योग जादू की छड़ी से बना रहे है.
जंहा इस बात का पता चला है कि प्रदेश विकास के मामले में पिछड़ता जा रहा है. आखिर श्रमिक यह क्यों कह रहे हैं कि अगर प्रदेश में रोजगार की व्यवस्था होती तो वे वापस जाने की क्यों सोचते. प्रदेश में दूसरे स्थानों से केवल अकुशल श्रमिक ही नहीं आए हैं, उनमें कई कुशल श्रेणी के लोग भी हैं. कोई उद्योग लगा नहीं है, जहां भाजपा सरकार उन्हें खपाएगी. समाजवादी सरकार ने जो विश्वस्तरीय योजनाएं बनाई थीं उनको रोककर भाजपा ने अतिकुशल मानव शक्ति के उपयोग का रास्ता ही बंद कर दिया है. वहीं इस बारे में उन्होंने कहा कि पीएम ने कोरोना संकट से निपटने में जिस राज्य सरकार को मॉडल बताया है, उसमें करोना मरीजों की संख्या रोज बढ़ती जाती है. प्रमाण पत्र जारी करने की इतनी जल्दी भी क्या ? लोकतंत्र के साथ ऐसा मजाक कहीं नहीं सुना गया होगा.
कई जिलों में बंद हैं मनरेगा: सपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में मनरेगा का काम तीन वर्षों से बंद है. मनरेगा मजदूरों को इस बीच कोई दूसरा काम भी नहीं मिल पाया. इससे श्रमिकों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. किसी तरह कर्ज लेकर परिवार के लिए दो वक्त की रोटी भी जुटाना एक बड़ी परेशानी सामने आ रही है. वैसे भी मनरेगा में एक वर्ष में 100 दिन ही काम कराने की व्यवस्था है. ऐसे तमाम श्रमिक जो 265 दिन बिना कोई काम रहते हैं, अर्द्ध बेकारी के शिकार हैं. उन्हें लगभग बेरोजगारों की श्रेणी में भी रखा जा सकता है. उनके बारे में प्रदेश सरकार की कोई योजना नहीं है.
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