आप सभी को बता दें कि इस बार अक्षय तृतीया का त्यौहार 7 मई को मनाया जाने वाला है. ऐसे में अक्षय तृतीया का मतलब ऐसी तिथि से है जिसका कभी भी क्षय यानि खत्म ना होना. जी हाँ, कहते हैं अक्षय तृतीया जिसमें सौभाग्य और शुभ फल का कभी क्षय नहीं होता और वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को बहुत ही सौभाग्यशाली माना जाता है. जी हाँ, कहते हैं अक्षय तृतीया पर नई चीजों की खरीदारी बहुत ही शुभ होते है और इन सभी में सोना शामिल माना जाता है. आइए जानते हैं अक्षय तृतीया क्यों है शुभदायक.
अक्षय तृतीया क्यों है शुभदायक - कहा जाता है शुभ खरीददारी के लिए इस तिथि को बहुत ही शुभ बताया गया है और इस दिन से कई मान्यताएं भी जुड़ी है. जी दरअसल अक्षय तृतीया के दिन ही परशुराम जयंती भी मनाई जाती है और भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठे अवतार है. इसी के साथ अक्षय तृतीया पर विष्णु के अवतार नर-नारायण के अवतरित की तिथि माना जाता है और इसी तिथि से त्रेता युग का आरंभ हुआ था.
शुभ मुहूर्त - वैसे तो अक्षय तृतीया को ऐसी तिथि माना जाता है जिसमें कोई भी शुभ काम करने में मुहूर्त की आवश्यकता नहीं पड़ती लेकिन फिर भी मुहूर्त निकाले जाते हैं. जी हाँ, अक्षय तृतीया सर्वसिद्ध अबूझ मुहूर्त तिथि में शामिल है और इस तिथि को अबूझ मुहूर्तों में शामिल किया जाता है.
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त और सोना खरीदने का शुभ समय -
7 मई- अक्षय तृतीया
अक्षय तृतीया की तिथि का प्रारंभ काल- 7 मई, 3 बजकर 17 मिनट
अक्षय तृतीया समाप्ति - 8 मई, 2 बजकर 17 मिनटअक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त – 05:40 से 12:17
सोना खरीदने का शुभ समय - शाम 5 बजकर 40 मिनट
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