भारत देश अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए जाना जाता है साथ ही देश में हर धर्म के त्यौहार को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है वही बात यदि अक्षय तृतीया की करें तो प्रत्येक वर्ष वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया होती है। शास्त्रों में अक्षय तृतीया के दिन को बहुत शुभ माना जाता है।
वही इस दिन मां लक्ष्मी तथा नारायण की पूजा की मान्यता है। साथ ही ये प्रथा है कि कोई भी शुभ कार्य इस दिन बिना सोचे समझे किया जा सकता है, क्योंकि इस दिन किए हुए कामों का कभी क्षय नहीं होता। इस कारण अक्षय तृतीया के दिन लोग दान पुण्य के अतिरिक्त, सोने व चांदी के आभूषणों की खरीददारी तथा जमीन आदि कर खरीददारी करते हैं। इस वर्ष अक्षय तृतीया 14 मई 2021 को मनाई जाएगी।
इसलिए होती है मां लक्ष्मी की पूजा:-
ये भी प्रथा है कि अक्षय तृतीया के दिन कुबेर ने शिव जी की उपासना कर उन्हें खुश किया था। खुश होकर जब शिव जी ने उनसे वर मांगने के लिए कहा तो कुबेर ने अपना धन एवं संपत्ति लक्ष्मीजी से पुनः प्राप्त करने का वरदान मांगा। तत्पश्चात, महादेव ने उन्हें अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी का पूजन करने के लिए कहा। चूंकि लक्ष्मी जी प्रभु श्री विष्णु की पत्नी हैं, इसलिए उनकी पूजा नारायण के साथ की की जाती है। तब से अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी तथा नारायण की उपासना का चलन आरम्भ हो गया। दक्षिण में अक्षय तृतीया के दिन लक्ष्मी यंत्रम की आराधना की जाती है, जिसमें प्रभु श्री विष्णु और लक्ष्मी माता के साथ कुबेर का भी चित्र उपस्थित होता है।
आखिर क्यों अक्षय तृतीया का दिन होता है बेहद शुभ? जानिए क्या है इतिहास
बुधवार के दिन भूलकर न करें ये चूक, नहीं तो हो सकती है भारी हानि
इस दिन है वैशाख मास का पहला प्रदोष व्रत, भक्तों को शिव और शनि दोनों का मिलेगा आशीर्वाद