इस वर्ष अक्षय तृतीया का त्यौहार 22 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को प्रातः 07 बजकर 49 मिनट से आरम्भ होकर 23 अप्रैल प्रातः 07 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। अक्षय तृतीया को समृद्धि, आशीर्वाद, खुशहाली और सफलता का पर्व भी माना जाता है। वही ऐसी मान्यता हैं, कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करने आती है। मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन अगर व्यक्ति मां लक्ष्मी के साथ-साथ प्रभु श्री विष्णु की भक्ति पूर्वक पूजा-अर्चना करें, तो उसके ऊपर मां लक्ष्मी और प्रभु श्री विष्णु की कृपा सदैव बनी रह सकती हैं। कुछ लोग अक्षय तृतीया के दिन मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं। अगर आप भी अक्षय तृतीया का व्रत कर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने की सोच रहे हैं, तो पूजा के पश्चात् उनकी यह पवित्र आरती अवश्य पढ़ें। इस आरती को पढ़ने के पश्चात् आपके ऊपर मां लक्ष्मी की असीम कृपा बनी रहेगी।
अक्षय तृतीया की स्पेशल आरती:-
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निस दिन सेवत हर-विष्णु-धाता॥
ॐ जय..
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ॐ जय
तुम पाताल-निरंजनि, सुख-सम्पत्ति-दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि-धन पाता॥
ॐ जय..
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनि, भवनिधि की त्राता॥
ॐ जय..
जिस घर तुम रहती, तहँ सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहिं घबराता॥
ॐ जय..
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न हो पाता।
खान-पान का वैभव सब तुमसे आता॥
ॐ जय..
शुभ-गुण-मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन कोई नहिं पाता॥
ॐ जय..
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप शमन हो जाता॥
ॐ जय..
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