अक्सर ऐसा होता है कि जेब में पैसे रहते है और वो गलती से धुल जाते हैं या अन्य किसी कारण से नोट फट य़ा रंगा जाता हैं। इस दौरान यदि दस, बीस, या सौ के नोट हो तो आपको चिंता नहीं होती लेकिन जब 500-2000 के नोट हो आप सोच में पढ़ जाते है कि पता नहीं नोट चलेगें या नहीं। तो हम आपको बता दे कि अब घबराने की कोई बात नहीं क्योंकि अब ऐसे नोटो को बैंक और व्यापारी लेने से इनकार नहीं कर सकता है। यदि किसी ने उन नोटों को लेने से इंकार किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
आपको बता दे कि सोशल मीडिया पर फैले अफवाहों के मद्देनजर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 25 अप्रैल 2017 को एक पत्र जारी कर जानकारी दी है, साथ ही सभी बैंकों को सख्त हिदायत भी दी है कि ऐसे नोट हर हाल में स्वीकार किए जाएंगे। बता दे कि रिजर्व बैंक ने पत्रांक 1311 दिनांक 31 दिसंबर 2013 के जरिये प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी जिसमें बैंक की स्वच्छ नोट नीति का पालन करने का आग्रह किया गया था। इसके तहत आम जनता और बैंक अधिकारियों से नोटों पर कुछ भी नहीं लिखने का अनुरोध किया गया था। ऐसे नोट 1 जनवरी 2014 से बैंक स्वीकार नहीं करने की अफवाह उड़ी थी। इस अफवाहों के बाद उस समय रिजर्व बैंक के सहायक महाप्रबंधक अजित प्रसाद ने इन अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील के लिए एक पत्र जारी किया था और जनता से बगैर किसी घबराहट के ऐसे नोटों का लेनदेन बैंकों से करने को कहा गया था।
क्या कहते है बैंक अधिकारी-
इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के महाप्रबंधक जीसी तालुकदार के हस्ताक्षर से जारी पत्र में साफ-साफ कहा गया है कि ऐसे नोट जिन पर कुछ लिखा हो, रंग लगा हो या उसका रंग फीका पड़ गया हो, उसे स्वीकार करना है। केन्द्रीय बैंक ने बैंको से इन नोटों को अनिर्गमनीय नोट मानते हुए उसे प्रचलन से बाहर करने को कहा है। इसका मतलब ये कि ये नोट बैंक तो स्वीकार करेगें लेकिन वही नोट ग्राहकों को वापस नहीं दिया जाएगा।
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