नई दिल्ली: कांग्रेस का सालों पुराना साथ छोड़ समाजवादी पार्टी (सपा) से राज्यसभा पहुंचे सांसद और सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी कर खुद विवादों में घिर गए हैं। सिब्बल ने कहा था कि उन्हें शीर्ष अदालत से कोई 'उम्मीद' नजर नहीं आती है। उनके इस बयान पर ऑल इंडिया बार एसोसिएशन (AIBA) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। AIBA ने कांग्रेस सरकार में केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रहे कपिल सिब्बल के उस बयान को 'अवमाननापूर्ण' बताया है।
दरअसल, AIBA के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने कहा है कि एक सशक्त न्याय प्रणाली, भावनाओं से अलग होती है और केवल कानून से ही प्रभावित होती है। कपिल सिब्बल वरिष्ठ वकील हैं। न्यायाधीशों और फैसलों को केवल इसलिए खारिज करना उनके लिए उचित नहीं है, क्योंकि अदालतें उनके या उनके सहयोगियों की दलीलों से सहमत नहीं होती हैं।
अदिश अग्रवाल ने आगे कहा कि यह टिप्पणी अवमाननापूर्ण है और बड़ी बात ये है कि यह टिप्पणी उन कपिल सिब्बल की तरफ से आ रही है, जो सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। यह और भी अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि अदालतों द्वारा, कपिल सिब्बल की पसंद का फैसला नहीं दिया गया है, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि न्यायिक प्रणाली विफल हो गई है। सिब्बल न्याय व्यवस्था का एक अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि वह वास्तव में संस्था में भरोसा खो चुके हैं, तो वह अदालतों के समक्ष पेश नहीं होने के लिए स्वतंत्र हैं।
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