नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की काट ढूंढने के लिए डॉक्टरों और शोद्यार्थियों की टीम दिन रात जुटी हुई है. इस प्रक्रिया में आयुर्वेद भी निरंतर प्रयोग कर रहा है. ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA) ने निसर्ग हर्ब्स नाम की कंपनी के साथ करार किया है. ये दोनों संस्थाएं ये परीक्षण करेंगी कि कोरोना से लड़ने में नीम कितना असरदार है. यह परीक्षण फरीदाबाद के ESIC अस्पताल में किया जाएगा.
AIIA की डायरेक्टर डॉ तनुजा नेसारी इस रिसर्च की प्रमुख परीक्षणकर्ता होंगी. उनके साथ ESIC हॉस्पिटल के डीन डॉ असीम सेन भी मौजूद होंगे. इस टीम में AIIA और ESIC के 6 और डॉक्टर हिस्सा लेंगे. ये टीम 250 लोगों पर इस बात का पता लगाएगी कि नीम के तत्व कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में कितना असरदार है. इस अध्ययन में मुख्य रूप से ये पता किया जाएगा कि नीम के कैप्सूल कोरोना मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को इस बीमारी से दूर रखने में कितना कारगर हैं.
इसके लिए जिन लोगों पर कैप्सूल का परीक्षण किया जाएगा उनका चयन आरंभ हो चुका है. इस प्रक्रिया में 125 लोगों को नीम कैप्सूल खाने के लिए दिया जाएगा, जबकि 125 लोगों को खाली कैप्सूल खाने के लिए दिया जाएगा . ये प्रक्रिया 28 दिनों तक चलेगी. इसके बाद 28 दिनों तक मरीजों का निरीक्षण किया जाएगा और दवाओं के प्रभाव को समझा जाएगा. निसर्ग बायोटेक के संस्थापक और सीईओ गिरीश सोमन ने कहा कि उन्हें यकीन है कि उनकी ये दवा कोरोना की रोकथाम में कारगर एंटी वायरल दवा साबित होगी.
आचार्य बालकृष्ण ने रूचि सोया के MD पद से दिया इस्तीफा, सामने आया बड़ा कारण