भारतीय ओलंपिक संघ ने भारतीय कुश्ती संघ के महासचिव से वित्तीय साधनों सहित आधिकारिक दस्तावेजों को अपने बनाए पैनल को सौंपने के लिए भी बोला है। इससे यह स्पष्ट हो हो चुका कि अब निवर्तमान पदाधिकारियों की महासंघ के संचालन में कोई भूमिका नहीं होने वाली है। कुश्ती संघ के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें IOA के आदेश का पालन करने में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि वे पहले से ही अधिकारियों के साथ सहयोग भी कर रहे है।
IOA के संयुक्त सचिव कल्याण चौबे ने कुश्ती संघ को आदेश जारी कर उसके सभी पदाधिकारियों के प्रशासनिक, आर्थिक कार्य पर रोक भी लगा दी गई है। IOA ने कुश्ती संघ से सभी दस्तावेज, एकाउंट्स और विदेशी टूर्नामेंटों के लिए भेजी जाने वाली एंट्री का लॉगिन, वेबसाइट संचालन तत्काल उसे सौंपने को बोला है। IOA ने यह कदम खेल मंत्रालय की ओर से भारतीय कुश्ती संघ के चुनाव रद्द कर आईओए की तदर्थ समिति को संघ के चुनाव कराने और उसके संचालन का जिम्मा सौंपे जाने के उपरांत उठा लिया है।
IOA ने कुश्ती संघ के संचालन और 45 दिन के अंदर चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय तदर्थ समिति का गठन 3 मई को ही कर दिया गया था, जिसमें वूशु संघ के भूपेंदर सिंह बाजवा, ओलंपियन निशानेबाज सुमा शिरूर और एक सेवानिवृत जज को भी शामिल किया गया है। समिति ने अपने कार्यभार भी संभाल चुके है। उसकी अगुवाई में अंडर-17 और अंडर-23 एशियाई चैंपियनशिप की टीम के चयन ट्रायल और चयन समिति घोषित कर दिया है, लेकिन आईओए ने कुश्ती संघ के काम पर रोक का आदेश नहीं निकाला। जिसके चलते कुश्ती संघ के महासचिव वीएन प्रसूद कुश्ती संघ का कार्य जारी रखते हुए ईमेल और अन्य संसाधनों का इस्तेमाल भी कर रहे है।
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