नई दिल्ली: विपक्षी सांसदों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संसद की संयुक्त समिति की बैठक का बहिष्कार कर दिया है। विपक्ष ने आरोप लगाया कि समिति नियमों के मुताबिक कार्य नहीं कर रही है। वे लोकसभा अध्यक्ष से अपनी परेशानियों पर बात करेंगे। समिति देशभर में लोगों से वक्फ बिल के संबंध में सुझाव मांग रही है तथा विभिन्न शहरों में हितधारकों के साथ चर्चाएं कर रही है। बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर चर्चा के लिए सोमवार को एक बैठक हुई थी।
विपक्षी सांसदों ने बैठक का बहिष्कार करते हुए आरोप लगाया कि समिति नियमों के मुताबिक काम नहीं कर रही है। उन्होंने कर्नाटक सरकार एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर अनवर मणिप्पडी के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस के गौरव गोगोई, इमरान मसूद, डीएमके के ए राजा, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के मोहिबुल्लाह एवं आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने बैठक का बहिष्कार किया तथा कार्यवाही के खिलाफ कड़ी नाराजगी जताई।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि उन्होंने बहिष्कार किया है क्योंकि समिति सिद्धांतों और मानदंडों के अनुसार काम नहीं कर रही है। नैतिक और सैद्धांतिक रूप से यह गलत है। इसको देखते हुए, विपक्षी सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष से मिलने और वक्फ विधेयक पर अपनी चिंताओं से अवगत कराने का फैसला किया है। समिति के मंगलवार को फिर से बैठक करने की उम्मीद है, जिसमें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधियों से मौखिक सबूत सुने जाएंगे।
28 सितंबर को, प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर अपने राष्ट्रव्यापी परामर्श अभ्यास के तहत, संयुक्त संसदीय समिति ने हैदराबाद में विभिन्न हितधारकों के साथ बैठक की थी। बैठक में जेपीसी प्रमुख जगदम्बिका पाल ने कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष तथा आंध्र प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के साथ चर्चा की। 42 संगठनों के हितधारकों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया। हम विभिन्न शहरों में हितधारकों के साथ चर्चा कर रहे हैं। तत्पश्चात, हम चेन्नई एवं फिर बैंगलोर जाएंगे। इससे पहले, हम अहमदाबाद और मुंबई गए थे तथा दिल्ली भी जाएंगे। हमें अगले संसद सत्र से पहले रिपोर्ट सौंपनी है तथा हम अधिक से अधिक हितधारकों के साथ चर्चा करेंगे जिससे एक व्यापक रिपोर्ट तैयार की जा सके।
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