नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी के कत्ल के मामले में जेल में कैद सभी 6 दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि इन दोषियों पर कोई अन्य मामला नहीं है, तो इन्हें जेल से रिहा कर दिया जाए। बता दें कि, 21 मई 1991 को एक चुनावी रैली के दौरान तमिलनाडु में एक आत्मघाती हमले में राजीव गांधी की मौत हो गई थी। इस मामले में पेरारिवलन सहित 7 लोगों को दोषी पाया गया था। टाडा अदालत और शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन को मौत की सजा सुनाई थी।
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या के दोषी नलिनी और पी रविचंद्रन सहित 6 दोषियों की रिहाई करने के संबंध में फैसला सुनाया है। नलिनी और रविचंद्रन ,दोनों 30 साल से अधिक समय जेल में गुजार चुके थे। इससे पहले 18 मई को शीर्ष अदालत ने इस मामले में एक और दोषी पेरारिवलन को रिहा करने के आदेश दिए थे। बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर न्यायालय से रिहाई की गुहार लगाई थी।
बता दें कि, शीर्ष अदालत, राजीव गांधी हत्याकांड के आजीवन कारावास की सजा काट रहे नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन द्वारा दाखिल की गई एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें इस साल 18 मई में एक अन्य दोषी पेरारिवलन के पक्ष में पारित आदेश की तर्ज पर वक़्त से पहले रिहाई की मांग की गई थी। कोर्ट ने आरोपियों के जेल में आचरण को भी ध्यान में रखा, और यह भी देखा कि उन्होंने 30 साल से अधिक जेल में बिताया है। जिसके बाद अदालत ने सभी दोषियों को रिहा करने का आदेश दे दिया।
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