पिथौरागढ़ : डोकलाम विवाद के बाद भारत ने चीन से लगी अपनी सीमा की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं इनमें उत्तराखंड से सटी चीन की सीमा में युद्ध की स्थिति में तुरंत हथियार व राहत सामग्री पहुंचाने के उद्देश्य से सड़क निर्माण की 'ऑल वेदर रोड़' नामक परियोजना शुरू की है, जो आपातकालीन परिस्थितियों में मददगार साबित होगी.
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के टनकपुर और पिथौरागढ़ पर बनने वाली यह सड़क 150 किलोमीटर लंबी होगी. करीब 1065 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए 2019 की समय सीमा निश्चित की गई है. हालांकि इसमें इस मार्ग पर पड़ने वाले तीन बाई पास की लागत को नहीं जोड़ा गया है.
बता दें कि इस परियोजना की निर्माण एजेंसी एनएच—125 के अधिशासी अभियंता एलडी मथेला के अनुसार इस भाग के पूरा होने पर आपातकाल की स्थिति में टनकपुर रेलहेड से भारत—चीन सीमा पर आखिरी चौकी तक सेना और उनकी युद्ध सामग्री को पहुँचाने में बहुत आसानी हो जाएगी. इस परियोजना के तहत मार्ग का निर्माण युद्धस्तर पर किया जा रहा है. तय समयसीमा वर्ष 2019 तक इसलिए पूरा होने की सम्भावना है, क्योंकि इस मार्ग में कोई ओवरब्रिज या सुरंग नहीं है.
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