नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने बीते सप्ताह देश के दस सरकारी बैंकों के विलय की घोषणा की थी। इस विलय के जरिए चार बैंक बनाया जाएगा। इसी के तहत इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय होना है। इंडियन बैंक की प्रबंध निदेशक पद्मजा चुंदरू ने कहा कि यह विलय 31 मार्च, 2020 तक पूरा हो जाएगा। चुंदरू ने कहा कि, 'पहले हमें बोर्ड में जाना होगा। एक प्रक्रिया का पालन करना होगा। अगले कुछ माह के दौरान दोनों बैंकों के निदेशक मंडल प्रक्रिया को पूरा करेंगे।
मुझे लगता है कि यह प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी हो जाएगी।' इंडियन बैंक को पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय से सूचित किया गया है कि वैकल्पिक व्यवस्था ने रिजर्व बैंक के साथ विचार विमर्श के बाद विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक के विलय से ऐसा बैंक अस्तित्व में आएगा जिसकी अखिल भारतीय स्तर पर उपस्थिति होगी। अभी इंडियन बैंक की दक्षिण भारत में मजबूत उपस्थिति है जबकि इलाहाबाद बैंक की उपस्थिति उत्तरी और पूर्वी भारत में है।
विलय के बाद यह देश का सातवां सबसे बड़ा सरकारी बैंक बनेगा। इनका 8.08 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा और इसकी शाखाओं की कुल संख्या 6,104 होगी। उन्होंने कहा कि विलय के बाद हमारी प्रमुख प्राथमिकता कारोबार और मुनाफा वृद्धि के अलावा कर्मचारी प्रबंधन और कल्याण की होगी। उन्होंने शाखाओं को बंद करने और कर्मचारियों की छंटनी से इनकार किया। बता दें कि सरकार के इस कदम का तीखा विरोध हुआ है।
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