नई दिल्ली: देश के प्रमुख सरकारी बैंकों में शुमार इलाहाबाद बैंक को वित्त वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में बड़ा घाटा हुआ है, सितंबर तिमाही के दौरान बैंक को 1822.71 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, बैड लोन पर उच्च प्रावधानों के चलते बैंक को यह घाटा वहन करना पड़ा है, इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में इलाहाबाद बैंक ने 70.2 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्शाया था.
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वहीं अगर जून तिमाही से तुलना की जाए तो इलाहाबाद बैंक का घाटा वर्तमान में थोड़ा कम हुआ है, जो कि उस तिमाही में 1944.37 करोड़ रुपये रहा था. इलाहाबाद बैंक ने बीएसई फाइलिंग में बताया कि बैंक की टोटल इनकम भी समीक्षाधीन अवधि के दौरान गिरकर 4410.72 करोड़ रुपये पर आ गई जो कि बीते वित्त वर्ष में 5067.78 करोड़ रुपये थी. 30 सितंबर 2018 तक बैंक का ग्रॉस एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट्स) बढ़कर 17.53 फीसद पर पहुंच गया जो कि पिछले वर्ष 14.10 फीसद ही था. हालांकि बैंक का नेट एनपीए या बैड लोन में कमी आई है, ये पिछले साल 8.84 फीसद की तुलना में इस साल गिरकर 7.96 फीसद पर आ गया है.
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अगर मूल्य के संदर्भ में बात करें तो ग्रॉस बैड लोन सितंबर में खत्म हुई तिमाही (वित्त वर्ष 2018-19) के लिए 27236 करोड़ रुपये रहा जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में यह 21454.27 करोड़ रुपये था. वहीं सितंबर तिमाही में नेट एनपीए 11082.74 करोड़ रुपये रहा है जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में यह 12662.18 करोड़ रुपए था, जो इस साल कम हो गया है.
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