लखनऊ। उत्तरप्रदेश में राजनीतिक हलचलों का दौर है। जहां एक ओर समाजवादी पार्टी के नेता समाजवादी पार्टी से टूट रहे हैं वहीं दूसरी ओर बहुजन समाज पार्टी के महासचिव इंद्रजीत सरोज ने पार्टी छोड़ दी है। हालांकि यह बात भी सामने आ चुकी है कि पार्टी से उन्हें निकाले जाने की कार्रवाई की जाना थी मगर इसके पहले ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कथित तौर पर इंद्रजीत सरोज से पार्टी फंड कम होने की बात कही थी ऐसे में उन्हें राज्य के विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी के लिए करीब 9.22 लाख रूपए वसूलने के लिए कहा गया था।
मगर उन्होंने इस बात से इन्कार कर दिया। उन्होंने पश्चिम उत्तरप्रदेश हेतु प्रति विधानसभा क्षेत्र के 22 लाख रूपए और लखनऊ, इलाहाबाद और कानपुर मंडल में 15 लाख रूपए हर विधानसभा क्षेत्र से जमा करवाने के लिए कहा था। इंद्रजीत सरोज का कहना था कि उन्होंने 8 जुलाई को आयोजित हुई जोन इंचार्ज, जिला प्रभारी और अन्य पदाधिकारियों की बैठक में ही कह दिया था कि वे न तो चुनाव लड़ेंगे , न ही पैसा लेंगे और न ही अब पैसा दे पाऐंगे।
जब मायावती तक यह बात पहुंची तो उन्होंने इंद्रजीत को पार्टी से निकालने की चेतावनी दी और कहा कि पार्टी को आपकी जरूरत नहीं हैं। उन्होंने मायावती पर आरोप लगाए कि मायावती को गरीबों की चिंता नहीं है। मायावती हार जाने के बाद भी पैसे वसूलना बंद नहीं कर रही हैं। उनके पैसों की भूख ने ही पार्टी को समाप्त कर दिया है।
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