किन्नरों को अखाड़े के लिए किसी से अनुमति लेना जरूरी नहीं

किन्नरों को अखाड़े के लिए किसी से अनुमति लेना जरूरी नहीं
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इलाहाबाद। सिंहस्थ 2016 मेें अपने अखाड़े की विधिवत घोषणा करने अपने अखाड़ोें के संतों के माध्यम से लोगों को धार्मिक तौर पर आकर्षित करने और पवित्र शिप्रा नदी में डुबकी लगाकर स्नान का आनंद लेने के बाद अब किन्नर अखाड़े के संतों ने इलाहाबाद मेें मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम में डुबकी लगाई। मिली जानकारी के अनुसार किन्नर संतों ने आस्था से पवित्र जल में स्नान किया।

इस अवसर पर किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि भारत में जितने भी अखाड़े हैं और जो अखाड़ा परिषद है उसका वे सम्मान करते हैं। मगर जिस तरह से हिंदू सनातन धर्म का पालन विभिन्न अखाड़ों द्वारा किया जाता है वैसे ही हम भी सनातन धर्म का पालन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि किन्नरों को अपने लिए अखाड़े की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। किन्नरों को तो उपदेवता का स्थान प्राप्त है। ऐसे में किन्नरों के अखाड़े पर सवाल नहीं लगाए जा सकते।

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