लखनऊ: यह कहते हुए कि भारतीय संस्कृति में किसी शख्स का अपनी बहू के साथ बलात्कार करना अप्राकृतिक है, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सहारनपुर जिले एक आरोपी को अग्रिम जमानत दे दी है। अदालत ने कहा कि आरोपों की प्रकृति, आरोपी के अब तक के जीवन, अपराध की गंभीरता और यह विचार करते हुए यह इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है कि भारतीय संस्कृति में किसी शख्स का दूसरे लोगों के साथ मिलकर बहू का बलात्कार करना अप्राकृतिक है।
न्यायमूर्ति अजित सिंह की पीठ ने उस व्यक्ति को अग्रिम जमानत दे दी, जिस पर दूसरे शख्स के साथ मिलकर बहू का बलात्कार करने का आरोप है। अदालत ने कहा कि, 'केस की मेरिट पर कोई विचार दिए बगैर, यह विचार करते हुए कि समाज में आरोपी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए झूठे इल्जाम लगाए गए, और सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों पर विचार करते हुए, अग्रिम जमानत दी जा रही है।' उच्च न्यायालय ने 18 मई के अपने आदेश में जोड़ा, 'आवदेक की गिरफ्तारी की सूरत में उसे शर्तों को पूरा करने पर अग्रिम जमानत दे दी जाए।'
बता दें कि महिला ने सहारनपुर के एक पुलिस स्टेशन में IPC धारा 376 के तहत मामला दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि उसके ससुर एक अन्य शख्स के साथ उसके भाई के घर आए। उन्होंने उससे पूछा कि भाई कहां है। जब उसने बताया कि बाहर गए हैं, तो ससुर ने उसके साथ गाली-गलौच करना शुरू कर दिया। विरोध करने पर ससुर ने बिस्तर पर धक्का दिया और दुष्कर्म करने का प्रयास किया। इस हरकत में उनके साथ आए शख्स ने भी साथ दिया।
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