लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता आजम खान के सितारे इन दिनों गर्दिश चल रहे हैं। आए दिन आजम खान को कानूनी मामलों में झटके लग रहे हैं। इसी बीच इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में तैनात पुलिसकर्मियों को हटाने की मांग करने वाली याचिका को ठुकरा दिया है। बता दें कि जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस के भीतर नगर पालिका की सफाई मशीन जमीन के नीचे दबी मिलने के बाद पुलिस कर्मियों को यूनिवर्सिटी के अंदर तैनात कर दिया गया।
पुलिसकर्मियों की तैनाती को रद्द करने के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर अब हाई कोर्ट ने इस याचिका को ठुकरा दिया है। दरअसल, इसी साल सितंबर माह में रामपुर में स्थानीय नगर निगम की मशीनें विश्वविधयालय के परिसर में मिट्टी के नीचे दफन पाई गई थी। इन मशीनों का उपयोग साफ-सफाई के लिए होता था। इन मशीनों का खुलासा सपा MLA अब्दुल्ला आजम खान के करीबी होने का दावा करने वाले दो संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में हुआ था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में अली जौहर यूनिवर्सिटी लगभग 300 एकड़ में फैली है। वहीं, सपा नेता आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने इस विश्वविद्यालय के विस्तार के लिए लोगों की जमीनें हड़पी हैं। आरोप के अनुसार, आजम खान ने अपने ट्रस्ट के माध्यम से ग्रामीणों की भूमि पर जबरन कब्जा कर लिया और उसे यूनिवर्सिटी में शामिल कर लिया। इस मामले में राज्य की योगी सरकार द्वारा करवाई गई जांच में पता चला है कि यूनिवर्सिटी की सिर्फ साढ़े 12 एकड़ जमीन वैध है, बाकी की सारी जमीन अवैध है।
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