अपने ही बयान से पलट गए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के VC

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इलाहाबाद : इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हंगलू एक दिन पहले दिए अपने ही बयान से पलट गए है। एक दिन पहले उन्होने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी पर उनके काम में दखलअंदाजी का आरोप लगाया था। अब रतन लाल ने राज्यसभा के सभापित को खत लिखकर बताया है कि उऩकी बात का गलत अर्थ निकाला गया। आरोप लगाते हुए उन्होने कहा था कि इरानी काम में दखलअंदाजी कर रही है। गुस्साए वीसी ने कहा कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो इस्तीफा दे देंगे।

रतन लाल का कहना है कि जिस प्रकार कामकाज में दखल दिया जा रहा है, उससे यूनिवर्सिटी पीछे की ओर जा रही है। उन्होने कहा कि यदि इतनी ही दखलअंदाजी करनी है, तो उन्हें हटाकर किसी एमपी या एमएलए को वीसी बना दिया जाए। दरअसल रतन लाल चार माह पहले ही इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी बने है।

उनके कामकाज संभालते ही नए सेशन से सभी एंट्रेंस एग्जाम सिर्फ ऑनलाइन कराए जाने का ऐलान किया गया था। लेकिन छात्रों के विरोध के चलते वीसी ने ग्रेजुएशन क्लासेज में दाखिले के लिए एंट्रेंस एग्जाम ऑन लाइन के साथ ही ऑफलाइन कराए जाने का भी विकल्प दे दिया था।

एग्जाम ऑनलाइन कराए जाने को लेकर चात्रों ने विरोध शुरु कर दिया, जिसे नेताओं का भी साथ मिला। बीजेपी सांसद विनोद सोनकर ने 9 मई को इरानी से मिलकर वीसी की शिकायत की थी। जिसके बाद इरानी ने एंट्रेंस एग्जाम में ऑफलाइन का भी विकल्प दे दिया। इसी से रतन लाल बिफरे हुए है।

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