बैंगलोर: कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच, कर्नाटक कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (KCA) के अध्यक्ष डी केम्पन्ना ने आज शुक्रवार (11 अगस्त) को कहा कि किसी भी मंत्री ने आयोग से अपने बकाए बिल जारी करने की मांग नहीं की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि जो समूह उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है, वह उनसे (KCA से) जुड़ा नहीं है।
केम्पन्ना ने कहा कि, 'हम सरकार से हमारे लंबित बिलों को जारी करने का अनुरोध करते हैं। अभी तक किसी भी ठेकेदार ने भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर मुझसे संपर्क नहीं किया है। किसी भी मंत्री ने कमीशन की मांग नहीं की है। जो ग्रुप आरोप लगा रहा है, उसका हमसे कोई लेना-देना नहीं है। इसका गठन 5-6 साल पहले हुआ था।'' उन्होंने यह भी कहा कि एसोसिएशन के सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मिलेगा और पूरे हो चुके कार्यों के लिए धन जारी करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग करेगा।
ठेकेदारों ने BBMP में जांच के आदेश का विरोध किया:-
ठेकेदार संघ ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) के तहत किए गए कार्यों की जांच के लिए शहरी विकास विभाग द्वारा गठित 4 अलग-अलग समितियों का विरोध करते हुए दावा किया कि चार साल से पहले किए गए कार्यों की जांच करने का कोई मतलब नहीं है। केम्पन्ना ने कहा कि, 'हम सरकार द्वारा गठित समितियों का विरोध करते हैं। वे चार साल पहले हुए कार्यों की जांच कर रहे हैं। अगर यह एक साल के भीतर किया जाता तो इसका कोई मतलब होता।'
BBMP ठेकेदारों ने काम रोका:-
बता दें कि, केपन्ना ने यह भी कहा कि BBMP ठेकेदारों ने 90 फीसदी काम बंद कर दिया है और अगले कुछ दिनों में सरकार पर अपने बिलों का भुगतान करने का दबाव बनाने के लिए सभी काम बंद कर दिए जाएंगे। दरअसल, BBMP कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन नाम के एक संगठन ने राज्यपाल से शिकायत की थी कि बेंगलुरु विकास मंत्री डीके शिवकुमार कुछ लोगों के माध्यम से लंबित बिलों को मंजूरी देने के लिए 10-15 फीसद कमीशन की मांग कर रहे हैं।
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