दिनों-दिन बढ़ते कोरोना ने हर व्यक्ति के मन में एक डर बैठा दिया है. इस डर के चलते व्यक्ति सावधानियां तो बरत रहे है. परन्तु वे कोरोना को लेकर एक तरह का वहम भी रख रहे है, की अगर उन्हें कोरोना हो गया तो वे ठीक होंगे या नहीं. इस डर से कई लोग इस बीमारी को छुपा रहे है. वैसे तो दुनिया भर में कोरोना ने तहलका मचा रखा है. परन्तु कोरोना को लेकर आये दिन कई तरह की घटनाऐं भी सामने आ रही है.
वही इसी बीच एक घटना केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से सामने आ रही है. जहा ये दावा किया जा रहा है, की कोरोना मरीजों का ठीक से इलाज नहीं किया जा रहा है. और इसी कारण कुछ प्रदर्शनकारियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने यह आरोप लगाया है, कि पून्थुरा में मरीजों का ठीक से इलाज नहीं मिल रहा है. बता दें कि पून्थुरा में कोरोना वायरस के मरीजों के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए हाल ही में इस गांव को खाली कराके 25 कामांडो को तैनात किया गया था.
वही इस गांव में कई super-spreaders' की गई है. इसका यह मतलब होता है, कि वायरस से संक्रमित ऐसे लोग जो छह से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस गांव में टेस्टिंग किए जाने के बाद यहां पर स्थानीय रूप में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि केरल में यह पहला वायरस का क्लस्टर हो सकता है. यहां पर कलस्टर का मतलब तेजी से वायरस फैलना होता है. हालाँकि इस घटना पर कोई बड़ा खुलासा अभी हुआ नहीं है.
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