कोलकाता: पश्चिम बंगाल कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने आज रविवार (6 अगस्त) को राज्य की सीएम ममता बनर्जी को पत्र लिखकर "त्रिस्तरीय पंचायत बोर्डों के गठन से पहले निर्वाचित विपक्षी उम्मीदवारों की धमकी और अपहरण को रोकने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने" का अनुरोध किया। सीएम बनर्जी को लिखे अपने पत्र में, चौधरी ने दावा किया कि जहां भी कांग्रेस के उम्मीदवारों ने पंचायत चुनावों में जीत दर्ज की है, "पुलिस/राजनीतिक नेता/गुंडे" उन्हें हत्या और अन्य आरोपों की धमकी दे रहे हैं और इस तरह उन पर बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के प्रति निष्ठा बदलने का दबाव बना रहे हैं।
West Bengal Congress president Adhir Ranjan Chowdhury writes to CM Mamata Banerjee, requesting her "urgent intervention to stop the intimidation and abduction of the elected opposition candidates prior to the formation of the three-tier Panchayat boards." pic.twitter.com/YN8wzswGwI
— ANI (@ANI) August 6, 2023
सियासी विरोध के प्रति सत्ताधारी TMC की असहिष्णुता पर प्रकाश डालते हुए, चौधरी लिखते हैं कि, "अधिक शक्ति और लाभ के लिए TMC पार्टी के कार्यकर्ताओं की अतृप्त प्यास बंगाल में एकतंत्रीय शासन की अवधारणा को आकार देने में सहायक हो रही है। समय के साथ, सत्तारूढ़ लोगों के बीच यह प्रवृत्ति पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में विपक्ष के लिए जगह कम से कम होने के रूप में परिलक्षित होगा। इसके अलावा, निर्वाचित विपक्षी उम्मीदवारों को कभी बंदूक की नोक पर मजबूर करके और कभी फर्जी तरीके से फंसाकर लोगों के जनादेश का अपमान करने का कोई औचित्य नहीं है। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल में शामिल होने के लिए। यह भी उल्लेख योग्य है कि नबाग्राम में एक व्यक्ति को पुलिस ने पीट-पीटकर मार डाला। जब पुलिस ही हत्यारी बन जाए तो लोग सुरक्षा के लिए कहां जाएंगे?"
चौधरी ने आगे लिखा कि, "क्या यह पश्चिम बंगाल राज्य में चुनाव जीतने का एक सभ्य तरीका है जहां आप एक दशक से अधिक समय से माननीय मुख्यमंत्री हैं!" बता दें कि, हाल ही में हुए पंचायत चुनावों में सत्ताधारी तृणमूल को 51.14 प्रतिशत वोट शेयर और 63,229 ग्राम पंचायत, 9,730 पंचायत समिति और 928 जिला परिषद सीटों पर भारी बहुमत मिला था। वहीं, ये भी गौर करने वाली बात है कि, ये चुनाव हिंसा और रक्तपात के साए में हुए थे, जिसमे कई राजनितिक कार्यकर्ताओं समेत 40 से अधिक लोगों की हत्या हो गई थी। साथ ही, राज्य में मतदान वाले दिन, मतपेटी लूटने, उनमे आग लगाने और लोगों को वोट डालने से रोकने के लिए गोलीबारी, बमबारी करने जैसी घटनाएं भी देखने को मिली थी। हालाँकि, हैरानी की बात ये भी है कि, बंगाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर हो रहे अत्याचार के लिए अधीर रंजन, सत्ताधारी TMC पर आरोप लगा रहे हैं और ममता सरकार से अकेले सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन ऐसे वक्त में कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी उनका साथ क्यों नहीं दे रहे हैं ? क्या भाजपा के खिलाफ INDIA गठबंधन बनाने की मज़बूरी के चलते राहुल, कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए आवाज़ नहीं उठा पा रहे हैं, क्योंकि उस गठबंधन में सीएम ममता की पार्टी भी शामिल है, जिसे वे नाराज़ नहीं करना चाहते ?
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