पटना: गत वर्ष 28 सितंबर को गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर गांव में एक 14 वर्ष की मासूम बच्ची के साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया गया था। इस मामले में रघुवीर साहू नाम के एक बिहारी मज़दूर को मुख्या आरोपी बनाया गया था। इस घटना के बाद उत्तर गुजरात में यूपी-बिहार के लोगों के साथ हिंसा होने की ख़बरें मीडिया में आने लगी थी।
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दहशत और खौफ के साए में हज़ारों बिहारी मज़दूर गुजरात से पलायन कर गए थे। उत्तर भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार और बिहारी लोगों को पलायन करने पर मजबूर करने के आरोप में गुजरात के सीएम विजय रुपाणी और कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर के विरुद्ध नौ अक्तूबर 2018 को मुजफ़्फ़रपुर की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई थी।
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लहभग दो महीने बाद मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश शबा आलम की अदालत ने मंगलवार को विजय रूपाणी और अल्पेश ठाकोर दोनों के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज कर मामले की जांच करने के निर्देश दे दिए हैं। कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों पर आईपीसी की धारा 153, 295 और 504 लगाई है। जिस मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने ऐसा आदेश दिया है, उसे दायर करने वाले मुजफ़्फ़रपुर के निवासी तमन्ना हाशमी हैं। हाशमी एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं और "हक-ए-हिन्दुस्तान" नाम से एक संगठन का संचालन करते हैं।
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