नई दिल्ली। अलवर मॉब लिंचिंग को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है। सोमवार को राहुल गांधी ने मॉब लिंचिंग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा, तो भाजपा नेताओं ने पलटवार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को नफरत का सौदागर बता दिया। मंगलवार को इस मामले पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अपना बयान दिया।
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जानकारी के अनुसार, राजनाथ सिंह ने लोकसभा में बताया कि अलवर मॉब लिंचिंग मामले को लेकर सरकार गंभीर है। देश में जितनी भी लिंचिंग की घटनाएं हो रही हैं, सरकार उन सभी घटनाओं को लेकर बेहद चिंतित है और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध भी है। राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अलवर मॉब लिंचिंग मामले को 1984 के बाद सबसे बड़ी लिंचिंग बताया। राजनाथ ने कहा कि उच्च स्तरीय कमेटी को मामले की जांच सौंपी गई है और कमेटी को 4 हफ्तों के भीतर अपना जवाब पेश करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट के बाद यदि जरूरी लगा, तो इस तरह के मामलों को लेकर कठोर कानून भी बनया जाएगा। राजनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस ने मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग की।
अलवर मॉब लिंचिंग : 4 पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज
बता दें कि इस मामले में पुलिस के गलत रवैये के कारण 4 पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। राजस्थान सरकार ने मामले की जांच स्थानीय पुलिस से लेकर उच्च स्तरीय अधिकारियों को सौंप दी है। गौरतलब है कि राजस्थान में आगामी चुनावों के मद्देनजर सभी पार्टियां अलवर मॉब लिंचिंग को लेकर बयानबाजी कर रही हैं। ऐसा लग रहा है कि आने वाले चुनावों में यह मामला एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।
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