नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर बीते 50 वर्षों से जल रही अमर जवान ज्योति का आज राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा. अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय जवानों की याद में की गई थी, जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत को सफलता मिली थी तथा बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था. गुरुवार को सेना के अफसरों ने यह खबर दी. सेना के अफसरों ने बताया कि अमर जवान ज्योति का आज दोपहर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा, जोकि इंडिया गेट के दूसरी ओर सिर्फ 400 मीटर की दूरी पर मौजूद है.
वही इंडिया गेट स्मारक ब्रिटिश सरकार द्वारा 1914-1921 के बीच अपनी प्राण गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सेना के जवानों की याद में बनाया गया था. वहीं, अमर जवान ज्योति को 1970 के दशक में पाकिस्तान पर भारत की भारी जीत के पश्चात् स्मारक संरचना में सम्मिलित किया गया था, जिसमें शत्रु भारत के 93,000 जवानों ने आत्मसमर्पण कर दिया था. लम्बी प्रतीक्षा के पश्चात् नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इंडिया गेट परिसर में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाया गया था तथा 2019 में इसका उद्घाटन किया गया था, जहां 25,942 जवानों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं. युद्ध स्मारक में भवन निर्माण के पश्चात् सभी सैन्य औपचारिक समारोहों को इसमें स्थानांतरित कर दिया गया था.
इसके साथ ही अफसर ने कहा है कि इस वर्ष गणतंत्र दिवस कार्यक्रम 24 जनवरी के बदले 23 जनवरी से ही आरम्भ होगा तथा 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर समाप्त होगा. 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है. उन्होंने कहा, ‘सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मनाई जाएगी. 23 जनवरी को इंडिया गेट पर पीएम नरेंद्र मोदी आपदा प्रबंधन के इलाके में शानदार काम करने वालों को सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार से सम्मानित करेंगे.’
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