नई दिल्ली: कनाडा के ओटावा में भारतीय उच्चायोग पर 23 मार्च 2023 को हुए ग्रेनेड हमले की जांच में एक अहम मोड़ सामने आया है। हाल ही में आई मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि सांसद अमृतपाल सिंह के साले अमरजोत पर ग्रेनेड फेंकने का आरोप है। अमृतसर के बुटाला गांव का रहने वाला अमरजोत कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल है, जिसमें खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन करना और भारतीय उच्चायोग परिसर में खालिस्तान का झंडा फहराना शामिल है। यह जानकारी हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक ऑपरेशन के दौरान सामने आई।
शुक्रवार को एनआईए ने पंजाब के चार जिलों में समन्वित छापेमारी की। ये छापे सुबह करीब 5 बजे गुरदासपुर जिले में तीन, अमृतसर जिले में दो और पटियाला और मोगा जिलों में एक-एक जगह मारे गए। लक्षित संपत्तियों में अमृतपाल सिंह के रिश्तेदारों की संपत्तियां शामिल थीं: बुटाला में अमरजोत, हाओन (गुरदासपुर) में गुरमुख सिंह और जल्लुखेड़ा (अमृतसर) में परगट सिंह। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने रहने वालों से पूछताछ की और मोबाइल फोन, लैपटॉप और डीवीआर सहित कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए। खालिस्तान समर्थक भीड़ द्वारा किए गए ग्रेनेड हमले में भारतीय उच्चायोग पर दो ग्रेनेड फेंके गए थे। शुरुआती जांच में पाकिस्तान की संभावित संलिप्तता का पता चला, जिसके कारण NIA ने मामले को अपने हाथ में ले लिया।
इससे पहले 24 जून, 2023 को एक रिपोर्ट में संकेत दिया गया कि अमरजोत सिंह ने कथित तौर पर हमले के लिए जिम्मेदार भीड़ का नेतृत्व किया था, जबकि पंजाब पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। इस रिपोर्ट के बाद, 'वारिस पंजाब दे' के इमान सिंह खरा ने आरोपों का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अमरजोत सिंह की संलिप्तता निराधार थी और ओटावा की घटना को गलत तरीके से पेश किया जा रहा था। इन दावों के बावजूद, हमले के सिलसिले में अमरजोत सिंह का नाम फिर से सामने आया है।
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