अमरनाथ गुफा के निकट बीते शुक्रवार को बादल फटने से अचानक आयी बाढ़ के कारण 16 लोगों की मौत हो गयी थी। वहीं लगभग 37 लोग लापता हैं। इन सभी के बीच भारतीय सेना यहां राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है। जी हाँ और इस बीच भारतीय सेना यहां राहत बचाव कार्य में जुटी हुई है। आपको बता दें कि चिनार कॉर्प्स की ओर से जो ताजा जानकारी दी गयी है उसके अनुसार जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से आज से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा को देखते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खास प्रबंध किये गये हैं। वहीं श्रद्धालुओं के लिए अमरनाथ गुफा तक जाने वाली सीढ़ियों को रातों-रात तैयार कर दिया गया है। दूसरी तरफ बचावकर्मी लापता लोगों की तलाश करने का अंतिम प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें मिलने की उम्मीद हर गुजरते घंटे के साथ और धूमिल होती जा रही है।
इसी के साथ सेना भारी मशीनरी का इस्तेमाल कर पवित्र गुफा तक के मार्ग को बहाल करने की कोशिश कर रही है। जी दरअसल एसडीआरएफ के एक अधिकारी ने बताया कि बचाव अभियान जारी है। वहीं विभिन्न एजेंसियों के कर्मी जीवित लोगों को खोजने की उम्मीद में मलबे को साफ कर रहे हैं। इसके अलावा मलबा हटाने का अधिकांश काम खोजी कुत्तों द्वारा चिह्नित क्षेत्रों में किया जा रहा है। कहा जा रहा है हमने अब भी उम्मीद नहीं छोड़ी है, लेकिन मलबे में दबे किसी भी व्यक्ति का मिलना चमत्कार होगा। आप सभी को पता ही होगा कि जम्मू कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की त्रासदी में आंध्र प्रदेश के लापता तीर्थयात्रियों की संख्या रविवार शाम को बढ़कर 37 हो गयी क्योंकि रिश्तेदारों ने अधिकारियों को फोन किया और बताया कि उनके परिजनों का पता नहीं चल पाया है।
वहीं आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि अब तक 84 तीर्थयात्री सुरक्षित बताये गये हैं क्योंकि उनका अपने रिश्तेदारों और अधिकारियों से संपर्क हो गया है। दूसरी तरफ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में नुनवान आधार शिविर का बीते रविवार को दौरा किया और आठ जुलाई को आई बाढ़ के बाद से बाधित अमरनाथ यात्रा को बहाल करने के प्रयासों का जायजा लिया।
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