कोरोना महामारी के कारण उद्योगों के सामने आ रही बाजार की दिक्कत अब जल्द खत्म होगी। आपकी जानकारी के लिए बता दें की उद्योगों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए अमेज़न प्राइम सामने आया है। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (आईएयू) के पहल के बाद अमेज़न प्राइम प्रबंधन उद्योगों के प्रोडक्ट उसके माध्यम से बेचने पर सहमत हो गया है। इससे उत्तराखंड के उद्योगों को काफी फायदा हो सकता है। इसके साथ ही आईएयू ने बिजनेस प्लेटफार्म तैयार किया है। जिसके माध्यम से राज्य के उद्योग अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकेंगे। आईएयू के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि कोरोना संकट के चलते उद्योगों के सामने बाजार की चुनौती खड़ी हो गई है। इसके समाधान के लिए सोमवार को आईएयू की ओर से वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें अमेज़न प्राइम के सीनियर अधिकारी भी शामिल हुए। आईएयू की पहल पर अमेज़न प्रबंधन उद्योगों के रजिस्ट्रेशन को तैयार हो गया है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें की जिसके बाद उद्योग अमेज़न के माध्यम से और डायरेक्ट भी अपने प्रोडक्ट बेच सकते हैं।इसके साथ ही इस दौरान एसोसिएशन की ओर से आईएयू बिजनेस प्लेट फार्म की घोषणा की है। इसके माध्यम से राज्य का कोई भी उद्योग अपने माल की मार्केटिंग कर सकता है।वहीं इससे उद्योगों को बड़ा फायदा होगा और उनके माल की अधिक बिक्री हो पाएगी। अभी तक यहां के उद्योगों में बनने वाले माल के बारे में लोगों को पता नहीं चल पाता है और जो माल यहां बन रहा है, लोग उसे बाहर से खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। कहा कि यह बिजनेस प्लेटफार्म उद्योगों को एक मार्केटिंग का प्लेटफार्म देगा।पंकज गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में कई उद्योग ऐसे हैं जिनके प्रोडक्ट की डिमांड खत्म हो चुकी है लेकिन उद्योगों के सामने कोरोना के बाद कई नए अवसर भी उत्पन्न हो रहे हैं। खासकर जो माल चीन से आता था, उसे अपने देश या प्रदेश में भी बना सकते हैं।
इसके लिए केंद्र सरकार भी कार्ययोजना तैयार कर रही है। इसलिए आईएयू मेडिकल डिवाइस, डिस्पोजेबल मैन्युफैक्चरिंग पर काम कर रहा है। इसके लिए सौ ऐसे आइटम की लिस्ट तैयार कर ली गई है। जिसकी टेक्नोलॉजी लेकर यहां आसानी से बनाया जा सकता है। इसमें लागत भी कम आएगी।20 से 25 करोड़ में इस प्रकार के उद्योगों को लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई तीन लाख करोड़ की आत्मनिर्भर इकोनॉमिक पैकेज का उत्तराखंड के उद्योग फायदा नहीं उठा रहे हैं। अभी तक मात्र दस हजार उद्योग ही इसका फायदा उठा रहे हैं। जबकि 75 हजार उद्योग इसका फायदा उठा सकते हैं। सेमिनार में इस पैकेज के बारे में उद्योगों को बताया गया और उन्हें पैकेज की सीमा खत्म होने से पहले इसका लाभ लेने की अपील की गई। सेमिनार में प्रदेशभर के उद्योगों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
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