नई दिल्ली: भगोड़े इस्लामी उपदेशक और अपने भड़काऊ भाषणों से कई मुस्लिम युवाओं को मजहबी आतंकवाद की आग में धकेलने वाले जाकिर नाइक ने इस वक़्त मलेशिया में शरण ले रखी है और उसने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है। हाल ही में जाकिर नाइक द्वारा हाल ही में एक पाकिस्तानी यूट्यूबर के साथ किए गए पॉडकास्ट में वक्फ बोर्ड, पीएम नरेंद्र मोदी और भारतीय मुसलमानों को लेकर कई दावे किए हैं। हालांकि, जाकिर नाइक के ज़्यादातर दावे बेबुनियाद और झूठे साबित हुए हैं।
अभी जाकिर नाईक ने पाकिस्तान के एक व्यक्ति को पॉडकास्ट पर इंटरव्यू दिया है
— ????????Jitendra pratap singh???????? (@jpsin1) September 22, 2024
आप लोगों ने देखा ही होगा इंटरव्यू लेने वाले नादिर अली ने जब जाकिर नाईक से पूछा कि क्या आप भारत को मिस करते हैं ?
तो जाकिर नाईक ने बेशर्मी से कहा कि आफ़कोर्स करता हूं भारत को नहीं बल्कि मुंबई में उस बड़े… pic.twitter.com/wNXyjl1lsW
पॉडकास्ट में भगोड़े ज़ाकिर नाइक द्वारा किया गया सबसे बड़ा और विवादित दावा यह था कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना एक प्रतिनिधि मलेशिया भेजा था। इस प्रतिनिधि ने ज़ाकिर नाइक से मुलाकात की और उसे भारत आने का न्योता दिया। नाइक के मुताबिक, यह मुलाकात इसलिए हुई क्योंकि भारत सरकार और ज़ाकिर नाइक के बीच रिश्ते सुधारने की बात चल रही थी। हालांकि, ज़ाकिर नाइक के इस दावे पर सवाल यह उठता है कि अगर वो सच बोल रहा है, तो फिर भारत सरकार उसे भगोड़ा क्यों घोषित करेगी ? जाकिर नाइक पर भारत में आतंकी संगठनों से संबंध रखने, मजहबी भाषणों से युवाओं को आतंकी बनाने और नफरत फैलाने के गंभीर आरोप हैं। उसकी गतिविधियों को देखते हुए भारत सरकार ने उसे कानूनन अपराधी करार दिया है। ऐसे में पीएम मोदी द्वारा भेजे गए व्यक्ति से मिलने का दावा पूरी तरह से झूठा लगता है।
जाकिर नाइक ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी के प्रतिनिधि ने उनसे अनुच्छेद 370 पर सरकार का समर्थन करने को कहा था। इस्लामी उपदेशक ने कहा कि वह कश्मीरियों की आजादी का समर्थन करता है और अनुच्छेद 370 को हटाना संविधान के विरुद्ध है। यह बयान जाकिर नाइक की भारत विरोधी सोच को साफ तौर पर दर्शाता है, जहां वह देश की एकता और अखंडता को चुनौती दे रहा है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर किसी भी तरह का विवाद खड़ा करना देश विरोधी गतिविधियों का हिस्सा है।
इसके साथ ही जाकिर नाइक ने वक्फ बोर्ड और उसकी संपत्तियों पर भी ऊलजलूल दावे किए। उसने कहा कि वक्फ बोर्ड के पास भारत में तीसरी सबसे बड़ी संपत्ति है, जिसमें रक्षा और रेलवे के बाद सबसे बड़ी जमीन है। हालाँकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि वक्फ बोर्ड के पास बड़ी मात्रा में जमीन है, लगभग 9 लाख एकड़, जो तीसरी सबसे बड़ी जमीन है। हालांकि, नाइक ने इसके पीछे तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। उसने दावा किया कि सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है और इसके लिए वक्फ अधिनियम में संशोधन करने की कोशिश कर रही है। यह दावा पूरी तरह से मनगढ़ंत है। भारतीय संविधान हर धर्म के अधिकारों की रक्षा करता है और सरकार की वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से अपने कब्जे में लेने की कोई योजना नहीं है। जाकिर नाइक ने केवल अपने झूठे एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए मुस्लिम समुदाय में भ्रम फैलाने की कोशिश की है।
भगोड़े इस्लामी उपदेशक ने कहा कि, "कुछ मुसलमानों ने वक्फ का फायदा उठाया, इसी को बहाना बनाकर मोदी सरकार वक्फ कानून को बदलना चाहती है ताकि वो इसे हड़प सके। आपको शायद पता नहीं होगा कि दुनिया का सबसे महंगा घर मुंबई में है, जिसके मालिक मुकेश अंबानी हैं. दुनिया का सबसे महंगा घर, जो 27 मंजिला घर है. छत पर हेलीपैड है. उनकी संपत्ति वक्फ बोर्ड की है. उनकी जमीन पर किसी मुसलमान ने अंबानी के खिलाफ केस दर्ज किय। केस की वजह से वो अपने घर में घुस भी नहीं सकते थे, लेकिन कानून की वजह से कुछ नहीं किया जा सकता."
नाइक ने साफ तौर पर दावा किया कि मुकेश अंबानी का 27 मंजिला घर, जिसे दुनिया का सबसे महंगा घर माना जाता है, वक्फ की जमीन पर बना है। यह दावा भी पूरी तरह से झूठा और सनसनीखेज है। जाकिर नाइक ने बिना किसी सबूत के इस तरह का बयान देकर सिर्फ विवाद पैदा करने की कोशिश की है। वक्फ की संपत्तियों का मुस्लिम समुदाय के लिए धार्मिक और सामाजिक महत्व है, लेकिन बिना किसी आधार के इसे अंबानी जैसे बड़े उद्योगपतियों से जोड़कर नाइक ने सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बटोरने की कोशिश की है।
जाकिर नाइक ने आगे भारत में मुस्लिमों की स्थिति पर भी चर्चा की। उसने कहा कि मुसलमानों के लिए भारत सबसे अच्छा देश है, जो सही है। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां हर धर्म को समान अधिकार प्राप्त हैं। मुसलमानों के लिए पर्सनल लॉ बोर्ड, वक्फ बोर्ड जैसी संस्थाएं हैं, जो उनके धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की रक्षा करती हैं। हालांकि, जाकिर नाइक ने इस सच का इस्तेमाल अपने झूठ को छिपाने के लिए किया। उसने कहा कि अगर मोदी सरकार वक्फ कानून में बदलाव करती है, तो इससे मुस्लिम समुदाय की संपत्ति को खतरा होगा। यह बयान एक दहशत पैदा करने की रणनीति है, ताकि मुस्लिम समुदाय सरकार के खिलाफ खड़ा हो सके। भारतीय संविधान ने सभी धार्मिक संस्थाओं को समान अधिकार दिए हैं और सरकार के किसी भी कदम का उद्देश्य समाज की भलाई और देश की एकता को बनाए रखना है। जाकिर नाइक ने जानबूझकर ऐसे बयान दिए ताकि वह मुस्लिम समुदाय को भड़का सके और उन्हें सरकार के खिलाफ खड़ा कर सके।
नाइक ने अपने पॉडकास्ट में बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि वह निर्दोष है और भारत सरकार ने उसके खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। उसने दावा किया कि वह इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रहा है और उसका उद्देश्य शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना है। लेकिन सच्चाई इससे बहुत अलग है। जाकिर नाइक के भाषणों और उपदेशों ने कई युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेला है और कई आतंकियों ने खुद कबूला है कि वो जाकिर नाइक के वीडियो देखकर आतंकी बने हैं। दरअसल, ज़ाकिर नाइक के भाषणों में मजहबी नफरत भरी हुई होती है, जो समाज में धार्मिक तनाव को बढ़ावा देती है। अपने बयानों से उसने न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में इस्लाम और अन्य धर्मों के बीच दूरी बढ़ाने का काम किया है। भारत में उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें आतंकी संगठनों से संबंध रखने और नफरत फैलाने के आरोप शामिल हैं। यह कहना कि जाकिर नाइक निर्दोष है, एक भ्रामक बयान है। उसके भाषणों और कार्यों से यह स्पष्ट है कि वह कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने वाला व्यक्ति है, जो समाज में नफरत और विभाजन की राजनीति करता है।
वक्फ बोर्ड और उसकी संपत्तियों पर किए गए बदलावों को लेकर जाकिर नाइक ने कहा कि मोदी सरकार मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है। उन्होंने कहा कि अगर वक्फ कानून में बदलाव किया गया तो मुस्लिम समुदाय की हजारों मस्जिदें और कब्रिस्तान उनके हाथ से छिन जाएंगे। यह बयान न केवल तथ्यहीन है बल्कि भगोड़े जाकिर नाइक द्वारा फैलाया गया एक और झूठ है। वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन और संरक्षण भारतीय संविधान द्वारा संरक्षित है और सरकार के किसी भी कदम का उद्देश्य समाज के हित में होता है। जाकिर नाइक ने इस मुद्दे को लेकर मुस्लिम समुदाय में गलत संदेश फैलाया है, ताकि वह खुद को नेता के रूप में पेश कर सके और समाज को गुमराह कर सके। दरअसल, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा के लिए कुछ बदलावों की जरूरत हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार उन संपत्तियों को हड़पना चाहती है। जाकिर नाइक ने अपने पॉडकास्ट में इस मुद्दे को सिर्फ विवादित बनाने के लिए उठाया है ताकि वह सरकार के खिलाफ कोई नई साजिश रच सके।
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