महामारी कोरोना वायरस ने विश्व शांति को तहस नहस कर दिया है. वर्तमान समय में कोरोना बेकाबू हो चुका है. जिसके बाद समूचा विश्व अनेकों मोर्चों पर घिरता जा रहा है. बता दे कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश कोरोना को लेकर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कोविड-19 से उपजे हालातों के बारे में सुरक्षा परिषद के समक्ष कहा कि मौजूदा समय में लोगों की जिंदगियां बचाना और भविष्य के लिए सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है.
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अपने बयान में आशंका जताते हुए बताया कि साल के समाप्त होने तक पूरी दुनिया मे 13 करोड़ लोग भूखमरी का शिकार हो जाएंगे. वर्तमान में महामारी की वजह से दुनिया के एक अरब से ज्यादा बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. इस महामारी की वजह से उपजे संकट और लॉकडाउन की वजह से वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भी रुकावट आई है. इसकी वजह से खसरा और पोलियो जैसी बीमारियों के व्यापक स्तर पर फैलने का खतरा पैदा हो गया है.
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इसके अलावा अपने बयान में यूएन प्रमुख ने बताया है कि कोरोना महामारी के दुष्परिणाम उन देशों में भी देखे जा सकते हैं, जिन्हें आमतौर पर स्थायित्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन पहले से ही हिंसक संघर्ष से पीड़ित या फिर उससे उबर रहे देशों में ये और भी गहरे हैं. इस महामारी की वजह से सामाजिक-आर्थिक चुनौतियां पैदा हो गई हैं और तनाव बढ़ गया है. इस समस्या के बाद विश्व में फैली ऐसी बीमारियां जिनकी रोकथाम के लिए लगातार काम किए जाने की जरूरत है उनकी रोकथाम में रुकावट आ गई है. ऐसे समय में शांति प्रक्रिया भी बाधित हुई है और ऐसे में विश्व समुदाय का ध्यान भी इस ओर से बंटा हुआ है. इस महामारी के दुनिया में फैले विभिन्न आतंकी और चरमपंथी गुट अपने लिए फायदे के तौर पर देख रहे हैं.
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