वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वादे के साथ सत्ता में आए थे कि वह अंतहीन युद्धों को खत्म कर देंगे, लेकिन उनका प्रशासन अब उन हथियारों को अपना रहा है, जिन्हें दुनिया के 160 से ज्यादा देश प्रतिबंधित कर चुके हैं. वहीं क्लस्टर बम और एंटी-पर्सनल लैंड माइंस जैसे घातक हथियार भविष्य में इस्तेमाल के लिए तैयार किए जा रहे हैं. ये हथियार अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की भावी युद्ध योजनाओं का अहम हिस्सा बनते जा रहे हैं. हालांकि ,अभी ऐसा कोई ठोस औचित्य नहीं बताया गया है कि क्यों इनका उपयोग किया जाने वाला है?
मिली जानकारी के अनुसार अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर हथियार संबंधी इस तरह की नई नीतियों का समर्थन करते हैं. इस बदलाव पर उस समय से गौर किया जा सकता है, जब वर्ष 2017 में जिम मैटिस रक्षा मंत्री थे. वहीं यह भी कहा जा रहा है कि उस समय आए एक सैन्य रणनीति मसौदे में रूस और चीन को अमेरिका का प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बताया गया था. इन दोनों के पास उल्लेखनीय थल सेना है और युद्ध के मैदान में दुश्मन सेनाओं को रोकने के लिए बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल किया था.
व्यापक चर्चा के परिणामस्वरूप नीति में बदलाव: लेकिन पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने बीते सोमवार को पत्रकारों से कहा कि विभिन्न रक्षा शाखाओं के साथ व्यापक चर्चा के परिणामस्वरूप नीति में बदलाव किया जा रहा है. जंहा उन्होंने यह बताने से मना कर दिया कि किसके कहने पर नीति बदली जा रही है. रक्षा विभाग के पूर्व अधिकारियों ने बताया कि रूस के हमले और यूक्रेन से क्रीमिया को अलग करने की घटना के विश्लेषण के दौरान प्रशासन में लैंड माइंस और दूसरे उन हथियारों पर बहस छिड़ी थी, जिनको मना किया जा चुका था. नवंबर, 2017 में मैटिस ने 2008 के एक मेमो को रद कर दिया था. वहीं इस बात का भी पता चला है कि इस मेमो में लगभग सभी क्लस्टर हथियारों के उपयोग पर रोक लगाने और इनके जखीरे को नष्ट करने का आदेश दिया गया था. ये हथियार सोवियत संघ के साथ तीसरे विश्व युद्ध के लिए तैयार किए जा रहे थे.
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