वाशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच जारी तनातनी ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है. भले ही दोनों मुल्क दावा कर रहे हो कि द्विपक्षीय वार्ता अच्छी चल रही है, किन्तु अमेरिका के फैसलों से तो फ़िलहाल स्थिति अच्छी नहीं दिख रही है. साउथ चाइना सी, हॉन्ग कॉन्ग और ताइवान जैसे मसलों के बाद अब दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ ट्रेड वॉर की शुरुआत भी कर दी है.
इसी क्रम में US ने चीन की 24 कंपनियों को प्रतिबंधित भी कर दिया है. दरअसल अमेरिका चीन की उन कंपनियों को टारगेट बना रहा है जो की चीनी सेना के साथ सीधे तौर पर जुड़कर काम करती हैं. इस बार भी अमेरिका ने चीन की 24 कंपनियों प्रतिबंधित लिस्ट में डाल दिया है जो चीन की सेना की सहायता करती हैं. जिसके बाद ये कंपनियां अमेरिका में अपना कारोबार नहीं कर सकेंगी.
इसके साथ ही इन कंपनियों और इनसे संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त जांच भी की जाएगी. अमेरिका ने आरोप लगाते हुए कहा है कि ये कंपनियां दक्षिण चीन सागर में ऑर्टिफिशियल द्वीप बनाकर उसके सैन्य अड्डा बनाने में मदद करती हैं. अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में द्वीपों के निर्माण को लेकर चीन की काफी बार आलोचना भी हो चुकी है. इसके साथ ही समुद्री मामलों की ट्रिब्यूनल ने चीन के खिलाफ भी फैसला दिया था.
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