वाशिंगटन। विश्व शक्ति बनने की ओर बढ़ रहे भारत के मार्ग में चीन बार-बार अड़ंगे डालता रहता है। अब इस बात पर अमेरिका ने भी अपनी मुहर लगा दी थी। अमेरिका ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि भारत की एनएसजी की सदस्यता की राह में सिर्फ चीन ही बाधक बन रहा है।
स्पेस-एक्स कराएगी अंतरिक्ष की सैर
दरअसल अमेरिकी सरकार के उप विदेश मंत्री एलिस वेल्स ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि भारत परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता पाने के लिए सभी पैमानों पर खरा उतर रहा है और उसकी राह में अब केवल चीन ही बाधा बन रहा है। दरअसल एनएसजी एक आम सहमति वाला संगठन है जिसमे सदस्यता पाने के लिए सभी सदस्यों की सहमति की जरुरत होती है।
ट्रम्प ने लगाया उत्तर कोरिया की IT कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
एनएसजी की सदस्यता को लेकर अधिकतर देश भारत के पक्ष है बस चीन ही इस सदस्यता के लिए भारत को सहमति नहीं दे रहा है। उल्लेखनीय है कि चीन पिछले कई वर्षो से भारत के एनएसजी में प्रवेश को रोकने की कोशिश कर रहा है। आपको बता दें कि हमेशा चीन का साथ देने वाले पाकिस्तान ने भी 2016 में एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन किया था।उल्लेखनीय है कि परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) 48 देशों का एक समूह है जो एनएसजी परमाणु कारोबार को नियंत्रित करता है। इसके सदस्य देश आपस में परमाणु कारोबार करते है और एक दूसरे की परमाणु कारोबार में मदद करते है।
ख़बरें और भी
रूस के उप-प्रधानमंत्री से मिली सुषमा स्वराज, कई अहम् मुद्दों पर हुई चर्चा
Hindi Diwas 2018: अब आप भी स्मार्टफोन पर आसानी से कर सकते है हिंदी टाइपिंग